पति की पैरोकारी करनी पड़ी भारी गंवाइ महत्वपूर्ण कुर्सियां

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  • पति के खुलते पुराने कारनामों को लेकर हुआ था विवाद
  • सरकार को हर जगह कोसने वाले भी सरकार के गुस्से के बने शिकार 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : जीरो टॉलरेंस की सरकार में अब वो नहीं चलेगा जो पिछले 17 सालों से चलता आया था, त्रिवेंद्र सरकार को पूर्व प्रमुख सचिव उमाकांत पंवार का अचानक इस्तीफा देना नागवार गुजरा तो था ही साथ ही बीते कुछ दिन पहले उनकी पत्नी प्रमुख सचिव का अपनी ही उच्चाधिकारी और अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से अपने पति के खुलते पुराने कारनामों को लेकर विवाद करने के बाद  प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए हटा दिया है।

राज्य शासन द्वारा आज जारी तबादला सूची पर यदि नज़र दौड़ाई जाय तो बात साफ़ हो जाती है कि सरकार अब आईएएस अधिकारियों के दबाव में काम नहीं करने वाली। इसी क्रम में आज मनीषा पंवार को पंचायती राज तथा आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण पद से हटा दिया गया है। वहीं NH -74 मुआवजा घोटाले और एसआईटी जांच  के घेरे में आये पंकज पांडेय का पीछे से साथ देने और सरकार को हर जगह कोसने वाले विनय शंकर पांडेय को भी सरकार के गुस्से का कोपभाजन बनना पड़ा है। उनको भी शासन ने मलाईदार कुर्सी से हटाते हुए उन्हें राज्य संपत्ति अधिकारी और निदेशक खनन के पदभार से हटाते हुए उपाध्यक्ष जनपदस्तरीय विकास प्राधिकरण उधम सिंहनगर भेजा गया है।  

वहीँ रामविलास यादव को आयुक्त ग्राम विकास की कुर्सी सौंपी गयी है। जबकि बृजेश कुमार संत को अपर सचिव सूचनाप्रौद्योगिकी तथा अपर सचिव खनन विभाग , बंशीधर तिवारी को राज्य संपत्ति अधिकारी ,देवेंद्र पालीवाल को अपर सचिव आयुष , डॉ. अभिषेक त्रिपाठी को एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, वहीँ बी.आर.टम्टा को सचिव हिंदी अकादमी के पद पर भेजा गया है।