पिछले 30 साल में सिर्फ 30 फीसदी लोगों तक ही पहुंचा विकास: डॉ.जोशी

0
638

पंडित दीनदयाल उपाध्याय  के व्यक्ति एवं कृतित्व पर डाला प्रकाश

  • विकास के लिए व्यवस्थाओं में होना चाहिए परिवर्तन 
  • वर्तमान में समाज में संतुलन बनाए रखने वाली तकनीकी जरुरी 
  • रोबोटिक तकनीकी जरूरी मगर इसका नफा-नुकसान भी देखा जाना चाहिए

देव भूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि विकास ऐसा होना चाहिए जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा ऐसे में जरूरी है कि वर्तमान व्यवस्थाओं में परिवर्तन कर विकास की ऐसी योजनाएं बनाई जाए जो शेष 70 फीसद लोगों तक भी पहुंचे। उन्होंने  प्रधानमंत्री के एक सलाहकार के प्रकाशित लेख का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 30 साल तक जो विकास हुआ है, उसका लाभ सिर्फ 30 फीसद लोगों मिला है।

देहरादून के सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह में मुख्य अतिथि शामिल हुए सांसद डा.मुरली मनोहर जोशी ने पंडित जी के व्यक्ति एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एकात्ममानववाद उत्तराखंड से लिया गया था हम किसी वाद से नहीं बल्कि मनुष्यता से बंधे हुए हैं इसलिए मानवतावादी हैं ,मानवता में हम समग्रता देखते हैं उसके बाद व्यक्ति और सृष्टि की रचना होती है, हमें सृष्टि की भी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा रोबोटिक तकनीकी जरूरी है। मगर, इसका नफा-नुकसान को देखा जाना चाहिए। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब रोबो तैयार करने वाले का ही विनाश हो जाएगा।

बिना दूसरे के सहयोग के आत्मभाव में इजाफा संभव नहीं

उन्होंने समाज में संतुलन बनाए रखने वाली तकनीकी की पैरवी की है और कहा कि जिस तरह से समानता में समरसता जरूरी है, उसी तरह विकास में सीमाओं का भी ख्याल रखना होगा। डा. जोशी ने कहा कि अनियोजित विकास का आज फायदा मिलेगा। मगर, आने वाली पीढ़ी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस बात का ध्यान विकास योजनाओं को बनाते समय रखा जाना चाहिए। डा. जोशी ने पंडित उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन को विस्तृत व्याख्या के साथ समझाया। बिना दूसरे के सहयोग के आत्मभाव में इजाफा संभव नहीं है।उन्होंने कहा कि विकास की वह विचारधारा सबसे बेहतर है, जो अंतिम नागरिक को लाभ पहुंचाए। उन्होंने कहा कि आज विकास से जुड़ी कई योजनाओं का लाभ सिर्फ 10 करोड़ लोग ही उठा रहे हैं। बाकी भोजन, पढ़ाई,मकान और रोजगार के लिए जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा प्रदेश सरकार पंडित उपाध्याय के मार्गदर्शन को ध्यान में रखकर योजनाएं बना रही है। कैबिनेट मंत्री और सेवा प्रतिष्ठान के सरंक्षक प्रकाश पंत केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।

सृष्टि को भी संरक्षित और सुरक्षित रखा जाना चाहिए

डा. जोशी ने कहा कि अनियोजित विकास से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि सृष्टि हमारी मां है। जैसे हम मां का दूध पीते हैं, उसी तर्ज पर सृष्टि को भी संरक्षित और सुरक्षित रखा जाना चाहिए। न कि मां के दूध की जगह खून चूसने जैसी स्थिति होनी चाहिए। इसके लिए इको सिस्टम को बनाए रखना होगा।

सेवा प्रतिष्ठान को मिलेगी भूमि : मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा पंडित जी के स्वच्छ चरित्र को हम अपनी सरकार में अपनाने का प्रयास कर रहे हैं, सरकार उनके दर्शन और उनके विचारों पर चलने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान शहर में भूमि देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इस भूमि में बेरोजगारों के लिये स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय आदि गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि और संस्थान के संरक्षक प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि यह मूल्याङ्कन करना है कि क्या हमारी सरकारें एकात्म मानववाद के अनुसार चल रही हैं अथवा नहीं। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, कैंट विधायक हरबंस कपूर, थराली विधायक मुन्नी देवी, उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश पंत, प्रदेश अध्यक्ष शुभा वर्मा, भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बसंल, संरक्षक गोपालकृष्ण मित्तल, प्रदेश महामंत्री अजय जोशी, प्रदेश कोषाध्यक्ष पवन चौधरी, विशाल शर्मा, अजंली वर्मा, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, समेत अन्य मौजूद रहे।