गैरसैंण राजधानी के लिए जनता के बीच अलख जगाएगी युवाशक्ति

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  • रुद्रप्रयाग महापंचायत में लिया गया निर्णय
  • प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में  रुद्रप्रयाग पहुंचे लोग
रूद्रप्रयाग। गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाए जाने के लिए प्रदेश की युवाशक्ति राज्यभर में घूम कर जनता से संवाद करेगी। रुद्रप्रयाग में हुई महापंचायत में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।

रविवार को गैरसैंण स्थायी राजधानी संघर्ष मोर्चा द्वारा बुलाई गई महापंचायत में प्रदेशभर से आए सैकड़ों लोगों ने भागेदारी की। सभी ने एक मत होकर इस बात पर सहमति जताई कि गैरसैंण पर आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए जनता के बीच जाकर उसे इसके लिए तैयार करना होगा। महापंचायत में फैसला लिया गया कि जनता से संवाद करने के लिए जल्द ही युवाओं की टोली प्रदेशभर में भ्रमण करेगी। 

महापंचायत की अध्यक्षता उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी और वरिष्ठ पत्रकार चारू तिवारी ने की। कांग्रेस और भाजपा को उत्तराखंड का दुश्मन करार देते हुए उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद आम जनता ने जिस सुनहरे कल की उम्मीद की थी, उस उम्मीद को कांग्रेस भाजपा की सरकारों ने बुरी तरह ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी समिति से लेकर सरकारी आयोग तक की रिपोर्ट में जनता के बहुमत की राय गैरसैंण के पक्ष में हैं, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस भाजपा ने आज तक राजधानी के सवाल को हाशिए पर धकेला हुआ है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश की युवा शक्ति कांग्रेस भाजपा के मंसूबों को अच्छी तरह समझ चुकी है और इन दोनों दलों को बेनकाब करने को तैयार है। उन्होंने प्रदेश की तमाम सरोकारी ताकतों से आह्वान किया कि गैरसैंण को लेकर उसी तरह एकजुट हों, जिस तरह राज्य आंदोलन की लड़ाई के दौरान सभी लामबंद हुए थे।

रिटायर्ड कर्नल देव डिमरी ने कहा कि गैरसैंण प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाए जाने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाकर गैरसैंण के प्रति समर्थन जुटाने की जरूरत है और इसके लिए सभी को एक–जुट होकर आगे बढना चाहिए। युवा पत्रकार प्रदीप सती ने गैरसैंण के मुद्दे को पूरी तरह राजनीतिक लड़ाई करार देते हुए कहा कि इसका समाधान राजनीतिक रूप से ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक सत्ताधीशों के मन में यह डर पैदा नहीं होगा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी न बनाने पर उनकी कुर्सी जा सकती है, तब तक वे गैरसैंण को स्थाई राजधानी नहीं बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश की जनता को लामबंद करने की जरूरत है। 

पत्रकारी गंगा असनोडा ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस गैरसैंण के मुद्दे को ग्रीष्मकालीन-शीतकालीन के फेर उलझा कर राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों के दोहरे चरित्र को जनता के सामने बेनकाब करने का यह सबसे अच्छा अवसर है। शिक्षाविद प्रेम मोहन डोभाल ने कहा कि राज्य गठन से पूर्व ही गैरसैंण सर्वसम्मति से प्रदेश की स्थायी राजधानी स्वीकार किया गया था, लेकिन राज्य बनने के बाद सरकारों ने इस सवाल पर उलझाए रखा।

आंदोलनकारी संजय बुडाकोटी ने कहा कि गैरसैंण को उसका हक दिलाने के लिए युवा पीढ़ी की भूमिका अहम होनी चाहिए। अल्मोड़ा के सल्ट से आए जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत ने गैरसैंण को गढ़वाल-कुमाऊं की धुरी बताते हुए सभी से मिल कर इस लड़ाई को लड़ने की अपील की। पौड़ी से आए तीरथ सिंह राही व धुमाकोट के मनीष सुंदरियाल ने कहा कि गैरसैंण राजधानी के बिना पहाड़ का विकास संभव नहीं है। 

छात्र नेता सचिन थपलियाल और लुसुन टोडरिया ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि युवा पीढी भविष्य के खतरे को समझे आर आर-पार की लड़ाई के लिए एक मंच पर आए। गैरसैंण संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि राज्य आंदोलकारियों और तमाम सामाजिक संगठनों को युवाशक्ति के हाथ मजबूत करने का बीड़ा उठाना चाहिए। उन्होंने आगे की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि जल्द ही प्रदेशभर के युवाओं की एक मजबूत टीम बनाई जाएगी, जो राज्यभर मे घूम कर जनता से गैरसैंण के मुद्दे पर संवाद करेगी। 

महापंचायत में आंदोलनकारी भोपाल चौधरी, लक्ष्मण रावत, रणजीत रावत, गंगाधर सेमवाल, मानवेन्द्र बत्र्वाल, नमन चंदोला, प्रवीण सिंह, विनोद डिमरी, प्रेम सिंह नेगी ने भी सम्बोधित कर आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया।  
महापंचायत का संचालन लक्ष्मण सिंह नेगी ने किया। इस अवसर पर प्यार सिंह नेगी, सत्यपाल सिंह नेगी, भूपेन्द्र नेगी, दीपक बेंजवाल, रमेश बेंजवाल, अनसूया प्रसाद मलासी, शैलेन्द्र गोस्वामी, नरेश भट्ट, रमेश नौटियाल, सूरज भटट्, लक्ष्मण सिंह, प्रदीप चौधरी, राय सिंह रावत, कीरत सिंह रावत, सूरज गुसाईं, बंटी जगवाण, कुंवर लाल सत्यार्थी, प्रदीप सेमवाल, कुलदीप राणा समेत बडी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।

विक्रम ने जनगीत से भरी हुंकार ..
रुद्रप्रयाग। महापंचायत में गायक विक्रम कप्रवाण ने जनगीत से गैरसैंण स्थायी राजधानी के लिए एकजुटता की अपील की। कहा कि राज्य निर्माण में साहित्यकारों, गीतकारों व गायकों की अहम भूमिका रही है। वे अपने गीतों व कविताओं के जरिए राजधानी के लिए भी लोगों को प्रेरित करेंगे।

इन -इन स्थानों से आए थे लोग
रुद्रप्रयाग। महापंचायत में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही श्रीनगर, पौड़ी, ऋषिकेश, घाट, गोपेश्वर, देहरादून, अल्मोड़ा, धुमाकोट, सतपुली, टिहरी, उत्तरकाशी से राज्य आंदोलनकारी व विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए।