मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पहली लहर के प्रबंधन का नेतृत्व आएगा काम आएगा: स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश

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कोविड-19 की दूसरी लहर की तेजी के कारण उपजे वर्तमान संकट से निपटने का योगी मंत्र

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

जॉन्स हॉपकिन्स युनिवर्सिटी द्वारा की गई एक केस स्टडी बताती/में कहा गया है कि कोविड संकट की पहली लहर के दौरान विश्वभर में कोरोना महामारी के प्रबंधन में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान प्राप्त करने वालों में से रहा है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 के समय, पूरा विश्व एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। 2020 से जारी यह स्वास्थ्य विपत्ती भयानक रूप ले चुकी है। हाल ही में, कोरोना की दूसरी लहर की उच्च तीव्रता ने देशभर में स्थिति को संभालने में एक बड़ी चुनौती पेश/प्रस्तुत की है। हालांकि, मामलों में लगातार बढ़ोतरी के दौरान पिछली लहर के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के कोरोना प्रबंधन का अनुभव वर्तमान संकट से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

HEAL-Thy संवाद के ई-शिखर सम्मेलन के 16 वें एपिसोड के ‘पर्यावरण बचाओ, स्वास्थ्य बचाओ’ (सेव इन्वायरमेंट, इम्प्रूव हेल्थ) के दूसरे सत्र में पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य के सामंजस्य पर चर्चा करते हुए, जब उत्तर प्रदेश के माननीय स्वास्थ्य मंत्री, श्री जय प्रताप सिंह से प्रदेश में वर्तमान कोविड संकट और पहली लहर के दौरान इसके सफल प्रबंधन के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा, “दूसरी लहर के बढ़ने के बीच, उत्तर प्रदेश में कोविड की पहली लहर के प्रबंधन के दौरान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व का अनुभव वर्तमान संकट से निपटने में काम आएगा। देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, जहां अभी भी बड़ी संख्या में प्रवासियों का आना जारी है, उनके संसक्त शक्तिशाली नेतृत्व ने इस पूरी चुनौतीपूर्ण स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस पर ई शिखर सम्मेलन: ‘स्वास्थ्य सेवा के साथ पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामंजस्य’ का आयोजन ईएलडीएफ और समी सबिंसा ग्रुप के साथ मिलकर किया गया था। जो हील फाउंडेशन के नॉलेज पार्टनर (ज्ञान भागीदार) और बीएसएलए के स्ट्रेटेजिक पार्टनर (रणनीतिक साझेदार) हैं।
कोविड के प्रबंधन के बारे में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का बयान

• एक साल में छह लाख से अधिक मरीज, लेकिन ठीक होने की दर 98.2 प्रतिशत
• फरवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक 3.25 करोड़ से अधिक कोविड परीक्षण
• 15.5 करोड़ लोगों को कोविड सर्विलांस/निगरानी में रखा गया
• टीम-11 ने अद्भुत कार्य किया

ई-शिखर सम्मेलन के दौरान जब स्वास्थ्य मंत्री से यह प्रश्न पूछा गया कि देश का सबसे घनी आबादी वाला राज्य होने के बादजूद, कोविड महामारी से प्रभावशाली ढंग से निपटने में कैसे वह अन्य राज्यों से आगे निकल गया और वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए उनकी रणनीति क्या है, उन्होंने कहा, “हम कोविड की पहली लहर के दौरान सफल रहे, क्योंकि हमने नई तकनीकों को अपनाया; परीक्षण के लिए आरटीपीसीआर मशीनों की संख्या बढ़ाई, हम 1 आरटीपीसीआर से 125 आरटीपीसीआर तक पहुंच गए। वर्तमान संकट से निपटने के लिए, हमने 13-14 जिलों में सतर्कतापूर्वक निगरानी के लिए निगरानी समितियों का गठन किया है, जहां मामले अधिक सामने आ रहे हैं। हमने कोविड की पहली लहर के दौरान हुए अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है। हमें अस्पतालों में वेंटिलेटर स्थापित करने/लगाने में टाटा समुह से भी समर्थन मिला है, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ का समर्थन हमेशा से रहा है।”

2020 से कोविड-19 के प्रबंधन में उत्तर प्रदेश सरकार के मील के पत्थर :-


• 2 प्रयोगशालाओं से शुरू होकर अब राज्य में 250 प्रयोगशालाएं हैं।
• पहला राज्य है जिसने एक दिन में डेढ़ लाख से अधिक नमूनों की जांच की है।
• केवल कोविड-19 के मरीजों के लिए विशेषरूप से डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था की गई है।
• त्वरित समन्वय के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म

यहां यह उल्लेखनीय है कि हाल ही में जॉन्स हॉपकिन्स युनिवर्सिटी द्वारा की गई एक केस स्टडी में कहा गया है कि कोविड संकट की पहली लहर के दौरान विश्वभर में कोरोना महामारी के प्रबंधन में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान प्राप्त करने वालों में से रहा है। जब पूरी दुनिया फिर से कोविड-19 की ताज़ा लहर की चपेट में आ गई है, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाला उत्तर प्रदेश सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अच्छी तरह से मार्गदर्शन, निगरानी और नियंत्रण कार्यों की सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम है।

कोविड-19 से निपटने के सरकार के अद्भुत/शानदार प्रयासों पर बोलते हुए, नैटहेल्थ के अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन ने कहा, “यह वास्तव में अद्वितीय है कि प्रतिदिन लगभग 2 लाख परीक्षण अकेले उत्तर प्रदेश में किए जा रहे हैं, और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है कि 24 घंटे के अंदर/भीतर रिपोर्ट दी जा रही है। कोविड संकट के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार का काम अद्भुत रहा है। यही नहीं,, उत्तर प्रदेश सरकार कोविड महामारी के दौरान हर क्षेत्र में सक्रिय रही है। मुझे विश्वास है कि वे कोविड की दूसरी लहर का प्रबंधन भी उसी प्रकार कर पाएंगे जिस तरह उन्होंने पहली लहर के दौरान किया था।”

डॉ. महाजन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, “केंद्र सरकार भी काफी सक्रिय रही, पिछले साल 4-6 सप्ताह की छोटी अवधि में ही आरटीपीसीआर मशीनें विकसित/निर्मित की गईं। कोविड परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इस स्वास्थ्य संकट से निपटने का पहला चरण है। अब, लोग थोड़े लापरवाह हो गए हैं, इसलिए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़े शहरों में अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। वैक्सीन रामबाण है, हमें तुरंत वैक्सीनेशन या टीके लगवाने की जरूरत है। इसके बाद आवश्यक सावधानियों का पालन कड़ाई से/धार्मिक परंपराओं की तरह करना चाहिए।”

महामारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश की लड़ाई को न केवल केंद्र सरकार, बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार द्वारा विशेषरूप से उच्च जोखिम वाले संपर्कों को ट्रैक करने के प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की है। उत्तर प्रदेश सरकार, दूसरी लहर के प्रबंधन में भी उतनी ही सफल होगी, जितनी पहली लहर के दौरान रही थी।

HEAL-Thy संवाद के एपिसोड-16 के दौरान बोलते हुए, हील फाउंडेशन के संस्थापक, डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा, “विश्व स्वास्थ्य दिवस, हमें स्वस्थ्य जीवन के बारे में जागरूकता पैदा करने की याद दिलाता है, हालांकि, जब से कोविड-19 का प्रकोप हुआ है, तब से विश्व में स्वास्थ्य संबंधी अनिश्चितताएं बढ़ती जा रही हैं। विश्वभर में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित देशों में भारत दूसरे स्थान पर है, लेकिन उसके सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने इस स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन के मामले में अन्य राज्यों के लिए प्रतिमान स्थापित किए हैं, जिसका वो अनुसरण कर सकते हैं। चाहे वह परीक्षण की गति हो, अस्पताल प्रबंधन, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता या प्रवासी श्रमिक संकट से निपटने के प्रयास, हर स्तर पर इस सरकार ने अद्भुत कार्य किए हैं। उत्तर प्रदेश के 21 लाख प्रवासियों (जो इस दौरान घर लौटने वाले कुल प्रवासियों का 80 प्रतिशत थे) को सहायता उपलब्ध कराना, वास्तव में अभूतपूर्व है। उत्तर प्रदेश सरकार का पिछला ट्रेक रिकार्ड, कोविड-19 की तीव्र दूसरी लहर से सफलतापूर्वक निपटने की उम्मीद जगाता है।“

भारत में कोरोना प्रकोप के बाद से, हील हेल्थ ने आईसीसीआईडीडी और नॉलेज पार्टनर ईएलडीएफ के साथ मिलकर कोविड फाइटर्स पब्लिक हेल्थ सेफ्टी मूवमेंट शुरू किया और 25 से अधिक शिक्षाप्रद वेबिनार की एक श्रृंखला के माध्यम से व्यापक जन प्रसार का एक वर्ष सफलतापूर्वक पूरा किया। इसके अंतर्गत ई-शिखर सम्मेलन और अन्य संबद्ध जागरूकता गतिविधियां की गईं। यह वास्तव में इन तीनों संगठनों की साझेदारी की एक शानदार उपलब्धि है, जो साझेदारी का एक शानदार लंबा सफर तय कर चुके हैं। इस अभियान के एक साल के दौरान, विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से 12 करोड़ से अधिक लोगों तक इन्होंने अपनी बात पहुंचाई है।