ऋषिकेश : पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में छह महाद्वीपों एवं विश्व के 101 देशों लगभग आधे विश्व से आये योगाचार्य एवं योग जिज्ञासु को धन्यवाद देते हुये कहा कि आपके बिना यह सम्भव नहीं हो पाता। उन्होने कहा कि यहां से योग करो, रोज करो, मौज करो का मूलमंत्र लेकर प्रस्थान करें।
पूज्ययोगगुरू पूज्य बाबा रामदेव जी ने कहा कि भारत योग की भूमि है। योग यहां के कण में बसता है। उन्होने कहा योगी की कोई उम्र, धर्म और जाति नहीं होती योगी तो बस योगी है। उन्होने पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज को कहा कि आपका रहते तो भारत में है परन्तु आप सम्पूर्ण विश्व के गुरू है।
महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज को कोटी-कोटी धन्यवाद देते हुये कहा कि भारत जगतगुरू था और रहेगा। यहां की संस्कृति बाजार वाली नहीं बल्कि परिवार वाली है। ब्राजील से आये पूज्य प्रेम बाबा ने कहा यह पूरा अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव सप्ताह अविमर्णिय व अतुलनीय है। यहां पर योग कराया नहीं जाता बल्कि योगी गढ़े जाते है।
डी आई जी गढ़वाल पुष्पक ज्योति ने कहा योगियों को संकल्प करवाया की ड्रग्स नहीं करेंगे न करने देंगे, जीवन अनमोल है उसे ड्रग्स का आदि नहीं होने देंगे। ड्रग्स को हमारे जीवन पर राज नहीं करने देंगे। प्रमुख सचिव उत्तराखण्ड सरकार श्री रामास्वामी ने सभी को उत्तराखण्ड की भूमि पर पधारने के धन्यवाद दिया तथा योग के विषय में चर्चा की।
आयुष सचिव भारत सरकार, श्री अजीत सरन जी ने कहा कि छह महाद्वीपों एवं विश्व के 101 देशों, लगभग आधे विश्व के प्रतिभागी मौजूद है अर्थात यह बदलाव के क्षण है; जीवन को सकारात्मक दिशा देने का समय है। विवेकानन्द योग अनुसन्धान संस्थान के वाइस चान्सलर श्री एच आर नागेन्द ने पूज्य स्वामी जी और साध्वी जी का धन्यवाद करते हुये कहा कि योग की विधा को समुद्र पार ले जाने मंे पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का अमूल्य योगदान है।
आयुष मंत्री भारत सरकार श्रीपाद नाईक ने धन्यवाद भाषण दिया। मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों ने परम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी व परमार्थ निकेतन के लिये कोटी-कोटी आभार व्यक्त किया।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन अवसर पर परमार्थ गंगा के पावन तट पर आज के विशेष अतिथि परम महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी असंगानन्द जी महाराज, पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, योगगुरू पूज्य बाबा रामदेव, महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, ब्राजील से आये पूज्य प्रेम बाबा, आयुष मंत्री भारत सरकार श्रीपाद नाईक, आयुष सचिव भारत सरकार, श्री अजीत सरन जी, प्रमुख सचिव उत्तराखंड सरकार श्री रामास्वामी, उत्तराखंड सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश बगोली, डी आई जी गढ़वाल पुष्पक ज्योति एवं विवेकानन्द योग अनुसन्धान संस्थान के वाइस चान्सलर श्री एच आर नागेन्द्र और छह महाद्वीपों एवं ंविश्व कंें 101 देशों से आये योगाचार्य एवं योग जिज्ञासु ने किया सहभाग।