AIIMS में शुरू हुआ दो दिवसीय मनोचिकित्सा पाठ्यक्रम पर कार्यशाला का आयोजन

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कार्यशाला के बाद लोगों को हरेक मानसिक समस्या के लिए विशेषज्ञ के पास जाने की आवश्यकता नहीं : प्रो.रविकांत 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश  : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय योग्यता आधारित स्नातक एमबीबीएस मनोचिकित्सा पाठ्यक्रम विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमें देश-दुनिया से मनोचिकित्सा विशेषज्ञों ने शिरकत की। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग व इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी आईपीएस के संयुक्त तत्वावधान में संस्थान में योग्यता आधारित स्नातक एमबीबीएस मनोचिकित्सा पाठ्यक्रम विषयक कार्यशाला आयोजित की गई।

इस अवसर पर अपने संदेश में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने स्नातक स्तर पर मनोचिकित्सा विषय की गंभीरता के बारे में बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ फैकल्टी की सहभागिता वाली इस कार्यशाला से मनोचिकित्सा विषय को लेकर दूरगामी बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इस कार्यशाला के बाद एम्स में मनोरोग विषय के संशोधित पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण लेकर सुदूरवर्ती इलाकों में एमबीबीएस चिकित्सक मरीजों की मनोरोग संबंधी समस्याओं का निदान कर सकेंगे और लोगों को हरेक मानसिक समस्या के लिए विशेषज्ञ के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि संकायाध्यक्ष कार्यालय इस संंबंध में लगातार कार्य कर राह है,जिससे पाठ्यक्रम में यथोचित सुधार किया जा सके व जिससे लोगों की मनोचिकित्सा से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सके । कार्यशाला में देश-विदेश के मनोचिकित्सा विशेषज्ञों ने विषय पर गहन मंथन किया।

वेस्टर्न यूनिवर्सिटी ऑफ आस्ट्रेलिया से आए प्रो. मोहन आइजक ने मनोचिकित्सा विषय की अंतरराष्ट्रीय महत्ता बताई और इसके शिक्षण के तौर तरीकों पर प्रकाश डाला। प्रो. रजत रे ने बीते पांच दशक में स्नातक एमबीबीएस स्तर पर मनोचिकित्सा पाठ्यक्रम में हुए सुधारों से अवगत कराया और बताया ​कि इस विषय आगे भी काफी हदतक सुधार की अपेक्षा है।

कलकत्ता के प्रो. ओपी सिंह ने बताया कि इंडियन साइकिट्री सोसाइटी आईपीएस स्नातक स्तर पर मनोचिकित्सा के शिक्षण को लेकर गंभीर है और इस दिशा में लगातार सुधारात्मक कार्य कर रही है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर मनोचिकित्सा केंद्र के विभागाध्यक्ष प्रो. आरके सोलंकी व पटना मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. पीके सिंह ने राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद एनएमसी के द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में होने वाले महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी।

इंडियन साइकेट्री सोसाइटी आईपीएस की स्नातक यूजी शिक्षा उपसमिति के सदस्य प्रो. अशोक मैसूर, प्रो. अनिल निश्छल,डा. मलय दवे ने मनोचिकित्सा जैसे गंभीर विषय को विद्यार्थियों को सरल व रूचिकर ढंग से समझाने के गुर सिखाए। एम्स दिल्ली के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. आरके चड्ढा ने बताया कि दिल्ली एम्स में इस विषय के पठन पाठन संबंधी जानकारियां साझा कीं। मैसूर के डा. किशोर एम. ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ ही प्राध्यापकों को भी अपने शिक्षण कार्य के तरीके में सुधार की जरुरत है।

कार्यशाला में एम्स रायपुर डा. साई कृष्णा टिक्का,केरल से डा. सिरिजा सहदेवन, एम्स पटना के डा. पंकज कुमार, मुंबई से डा. हेनल शाह, एम्स जोधपुर के डा. मुकेश स्वामी ने व्याख्यान दिए। इस अवसर पर एम्स के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. रवि गुप्ता, आयोजन सचिव डा. जितेंद्र रोहिल्ला,डा. विशाल धीमान, डा. विक्रम सिंह रावत, डा. अनिद्या दास,डा. अनिरुद्ध बासू आदि मौजूद थे।