मीडिया को धमकाने वाले खुद क्यों दुबक गए ?

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देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रंगे सियार की कहानी तो सब जानते ही हैं, लेकिन किसी ने कभी कल्पना नहीं की होगी कि पंचतंत्र की कहानी सोशल मीडिया में चरित्रार्थ होगी। बीती 28 जनवरी को जब हमने अपनी वेबसाइट www .devbhoomimedia.com पर एक तथाकथित केंद्र सरकार के एक कथित चर्चित अधिकारी आशीष रावत के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया था। हमारी खबर को झूठ बताने के साथ साथ ये शख्स हमारी वेबसाइट पर कार्रवाई करने की धमकी भी दे रहा था। लेकिन आज तक हम उनकी तरफ से होने वाली कार्रवाई का इंतजार ही कर रहे हैं।

www .devbhoomimedia.com ने जो खबर प्रकाशित की थी, उसमें हमने बकायदा प्रमाण के लिए आशीष रावत की फेसबुक वॉल से तस्वीरें भी शेयर की थीं, जिसमें वो बड़े फक्र से कभी खुद को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल का अपर सलाहकार बताता था तो कभी केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का । यही नहीं इस शख्स ने कभी लाल बत्ती गाड़ी तो कभी नीली बत्ती गाड़ी में तस्वीरें फेसबुक पर चस्पा तक की थी । लेकिन हमारी खबर के प्रकाशन के  24 घंटे बाद ही इस शख्स ने अपनी फेसबुक वॉल में परिचय को अपर सलाहकार से बदल कर सेल्फ इम्पलॉयड कर लिया। यानि रंगा सियार सियार ही निकला शेर नहीं।  

आशीष रावत जैसे लाखों फर्जी लोग फेसबुक पर अपनी आभासी जिंदगी में फंतासी ताने बाने जोड़ते हैं। शायद हकीकत से दूर रहने वाले ऐसे लोगों को सुकून फेसबुक में नकली पहचान बनाने से ही मिलता है। लेकिन आशीष रावत का मामला थोड़ा अलग है। समाचार के प्रकाशित होने से पहले आशीष न सिर्फ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सरकारी आवास में रह रहा था बल्कि उसके द्वारा सरकारी गलियारों में चर्चा भी की गयी थी  कि उसे मुख्यमंत्री सचिवालय में सलाहकार या विशेष कार्याधिकारी जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।  

ऐसे में सवाल उठने लाज़मी हैं कि मुख्यमंत्री तक ऐसे शख्स की पहुंच कैसे हो गई। क्या कोई भीतरी शख्स ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि खराब करने की साजिश में तो नही लगा हुआ है। हमारी तहकीकात में कई ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जो अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति  के लिए मुख्यमंत्री आवास में ऐसे लोगों को स्थापित करना चाहते हैं। हालांकि हमारी तहकीकात अभी जारी है और तमाम साक्ष्यों के साथ बहुत जल्द हम इन लोगों को बेननकाब करेंगे। लेकिन तब तक सूबे के मुखिया और प्रमुख पदों पर बैठे लोगों को फर्जी लोगों से सावधान रहने की नसीहत भी जरूर देंगे!