Conspiracy : भाजपा के शीर्ष नेताओं से आखिर कौन कर रहा है साजिश !

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  • भाजपा में साजिशों का दौर शुरू !
  • खंडूड़ी और सतपाल के बाद अब तीरथ रावत तक साजिश के शिकार !
  • अतिउत्साही नेता सत्ता के शीर्ष तक के खिलाफ कर रहा है साजिश !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । भारतीय जनता पार्टी में आजकल 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अंदरूनी खींचतान सबाब पर है। निचले स्तर के पदाधिकारियों से लेकर ऊपर तक के पदाधिकारी एक दूसरे की कुर्सी खींचने के लिए जोर आजमाइश पर लगे हैं । उदाहरण देने के लिए केदार नाथ का ताज़ा वाकया काफी है यहाँ मोदी द्वारा पांच कार्यों के लोकार्पण किये गए थे लेकिन लोकर्पण वाले शिला पट्ट से जहाँ गढ़वाल सांसद एवं पूर्व सीएम जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी का नाम गायब था वहीँ प्रदेश के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का नाम गायब था इनके स्थान पर सूबे के प्रोटोकाल और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का नाम शिलापट्टों पर गढ़ा गया था। इस घटनाक्रम से कम से कम यह तो साफ़ हो ही गया है कि भाजपा के भीतर सांसद खण्डूरी सहित सतपाल महाराज का स्थान लेने के लिए भाजपा के कुछ नेता खासे उतावले और साजिश कर्ता हैं। वहीँ इसी क्रम में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान इन दोनों नेताओं की उपेक्षा की भी यही वजह बताई जा रही है।

उत्तराखंड में भाजपा के लिए कभी ” खंडूड़ी हैं जरूरी” के नारे से सत्ता तक पहुँचने के बाद शायद अब भाजपा के लिए खण्डूरी जरूरी नहीं रह गए हैं। ठीक उसी तरह जिस तरह केंद्र में आडवानी भी अब भाजपा के लिए जरुरी नहीं समझे जा रहे हैं उसी तर्ज पर अब खंडूड़ी भी भाजपा के लिए गैर जरूरी हो गए हैं। वहीँ हरीश रावत सरकार के दौरान सबसे पहले कांग्रेस को झटका देकर भाजपा में शामिल होने वाले महाराज का भी कमोवेश वर्तमान भाजपा में यही हाल है। पार्टी के कई नेता पौड़ी लोकसभा के इन दो दिग्गजों को पार्टी में हाशिए पर डालने की कोशिश में लगे हैं।

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी से शतरंज की मुहरों की तरह बिसात बिछने लगी है। जहाँ कुछ नेता सांसद खंडूड़ी का स्थान लेने के लिए उतावले नज़र आ रहे हैं तो कुछ पार्टी में खंडूरी की जगह टिकट पाना चाहते हैं । इतना ही नहीं खंडूड़ी के स्थान पर स्वयं को प्रमोट करने के लिए हर तरह के हथकंडे तक अपनाए जाने शुरू हो गए हैं। भाजपा के कुछ नेताओं की दलील है कि वे पार्टी की उस गाइड लाइन पर काम कर रहे हैं जिसमें 75 पार कर चुके नेताओं को अब सिर्फ पार्टी का मार्गदर्शक बनकर रहना है। लिहाजा उनके स्थान पर तो कोई नेता तो आयेगा ही ।

पार्टी में चल रहे साजिशों के क्रम को देखते हुए अब पार्टी कार्यकर्ता भी आपस में सवाल करने लगे हैं कि ये किसके इशारे पर हुआ ये बातें भी सामने आने लगी हैं। क्यों किया गया। उददेश्य क्या है। तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। कुल मिलाकर कुछ-कुछ ऐसा हो रहा है जैसा पिछली सरकार में होता दिखा था। इसका परिणाम भी सबके सामने है। वहीँ पार्टी के भीतर ही आरोप -प्रत्यारोप का दौर चल रहा है कि पार्टी में खंडूड़ी और महाराज को हाशिए पर डालने की साजिश चल रही हैं। उनका स्थान लाने के लिए वे कौन नेता उतावले हैं। यह भी चर्चा पार्टी के भीतर चल रही है इतना ही नहीं खंडूड़ी और महाराज के साथ अब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत की उपेक्षा की बातें भी सामने आ रही हैं। वहीँ इन सब साजिशों का मास्टर माइंड सूबे के एक अतिउत्साही नेता को बताया जा तरह है जो सत्ता के शीर्ष तक से साजिश करने में शामिल है।