कहीं त्रिवेन्द्र नकली प्रोफ़ाइल पर तो नहीं करने जा रहे असली ताजपोशी !
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : कभी लाल बत्ती लगी गाड़ी तो कभी नीली बत्ती लगी गाड़ी में घूमने वाले आशीष रावत पार्थसारथी आजकल सीएम आवास से लेकर सत्ता के गलियारों में काफी चर्चाओं में हैं । चर्चाएँ आम हैं कि मुख्यमंत्री इन्हें भारीभरकम जिम्मेदारी देने जा रहे हैं। चर्चा है कि इन्हें सलाहकार या विशेषकार्याधिकारी ( ओएसडी ) बनाकर दिल्ली में बैठाने की तैयारी है।
वहीँ आशीष रावत का अपनी फेस बुक प्रोफाइल में कहना है कि वह वर्तमान में भारत सरकार में अपर सलाहकार हैं और गुजरात सरकार में भी अपर सलाहकार रह चुके हैं। कहीं वे स्वयं को अरुण जेटली का निकटस्थ तो कहीं गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल का अपर सलाहकार भी बताता है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल में भी इन सब बातों का जिक्रतक भी किया हुआ है। बताया जाता है कि इन्हीं कई कथित खूबियों और ठसक के कारण वे महीनों से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में रह भी रहे हैं।
आपने सलाहकार, मुख्य सलाहकार या प्रधान सलाहकार सुना होगा मगर शायद अपर सलाहकार नहीं सुना होगा। आशीष रावत ने गुजरात सरकार में आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्रित्व काल मे अपर सलाहकार होने का दावा किया। जब आनंदीबेन पटेल को हाल ही में मध्यप्रदेश का राज्यपाल बनाया गया तो आशीष रावत ने फेसबुक पर पोस्ट डाली और यह कहते हुये शुभकामनायें दी कि उनके साथ अपर सलाहकार के रूप में काम करने का अवसर मिला। आशीष रावत खुद को वर्तमान में भारत सरकार का अपर सलाहकार बताता है वही स्टेटस उसने फेसबुक पर भी लिखा है। मुख्यमंत्री आवास के कारिंदे भी बताते हैं कि वह अपने को अरुण जेटली के निकटस्थ भी बताता है।
इसी तरह का जवाब अरुण जेटली के दफ्तर और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से मिला। बताया जाता है अपनी इसी अनोखी प्रोफाइल और स्टाइल को लेकर मुख्यमंत्री आवास में रह रहे आशीष रावत त्रिवेन्द्र रावत को काफी प्रभावित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री आशीष से उसके प्रोफाइल के कारण प्रभावित हैं या उसके ‘रावत’ होने के कारण, ये उनके द्वारा होने वाला आदेश ही बता पायेगा जिसकी चर्चाओं से बाजार गर्म है।