चीन की चालाकी आखिर कब खत्म होगी ?

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फिंगर एरिया से पूरी तरह हटने को तैयार नहीं हो रहा चीन !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद पर दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत का दौर चल रहा है। पिछली कुछ बैठकों में चीन ने भले ही लचीलापन दिखाया हो, लेकिन वह अभी भी फिंगर एरिया से पूरी तरह से पीछे हटने को तैयार नहीं है। अभी भी चीन फिंगर एरिया में अपनी कुछ मौजूदगी चाह रहा है।
हालांकि, सूत्रों के अनुसार, बातचीत के दौरान चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट में झड़प वाली जगह से अपने सैनिकों और वहां अपनी मौजूदगी को पूरी तरह से पीछे खींचने पर सहमत हो गया था। कई जगह से भारत-चीन सैनिक पीछे भी हटे थे।
सूत्रों ने बताया, ‘भारत-चीन के बीच बातचीत के दौरान चीनी पक्ष ने फिंगर 8 के पास वाले क्षेत्रों से पूरी तरह से हटने के लिए अनिच्छा जाहिर की।’ उन्होंने आगे बताया कि फिंगर 4 के पास के इलाकों में, चीनी सैनिकों ने ब्लैकटॉप और ग्रीनटॉप से अपने बुनियादी ढांचे को खत्म करना शुरू कर दिया है।
हालांकि, भारत ने वार्ता में स्पष्ट रूप से संदेश दे दिया है कि चीन को सभी जगहों से वापस हटना ही होगा। भारत ने दो टूक कहा है कि चीन को झड़प वाली जगह पर अप्रैल-मई वाली यथास्थिति को कायम करना होगा।
दोनों देशों की थल सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों के बीच तकरीबन 15 घंटे की गहन चर्चा चली। भारत की ओर से वार्ता का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया। दोनों पक्षों के बीच वार्ता की शुरुआत 14 जुलाई को सुबह 11:30 बजे शुरू हुई, जोकि देर रात दो बजे तक चली।
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में सैनिकों के पीछे हटने की आगे की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और फिर 21-22 जुलाई तक डेवलपमेंट को वेरिफाई करेंगे। पैट्रोलिंग पॉइंट 17 के आस-पास के क्षेत्र में, चीनियों को यह आशंका है कि उनके पीछे हटने के बाद, भारत वहां ऊंचाइयों का इस्तेमाल करके सामरिक बढ़त हासिल कर सकता है।
चीनी सैनिकों ने उन क्षेत्रों में बैरक और रहने के लिए शेल्टर्स का निर्माण किया था, जोकि उनके वापस जाने के बाद खत्म कर दिए जाएंगे। पैट्रोलिंग पॉइंट 14 पर चीनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पीपी -15 से सटे क्षेत्र से काफी पीछे चले गए हैं।
बीते दिनों भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच सीमा विवाद पर तकरीबन दो घंटे तक टेलीफोन पर बातचीत हुई थी, जिसके बाद दोनों देश पूरी तरह से सीमा से पीछे हटने और वापस यथास्थिति कायम करने पर राजी हुए थे।