जब हरदा ने बाउंसर बाल पर मारा छक्का

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महाभारत युद्ध में अर्जुन को घाव मिलने पर रोमांचित होते थे उसी तरह उन्हें भी अपने राजनीतिक जीवन में घाव दर घाव मिले

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

न राहुल पीएम बनेंगे और न हरदा सियासत से संन्यास लेंगे : भाजपा 

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के उस बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पलटवार करते हुए कहा कि पहाड़ में प्रचलित कहावत ‘न बाप मरे न बैल बंटे’ का उदाहरण दिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रावत जीवनभर राजनीति में रहने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि न राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री बनेंगे और न कभी रावत सियासत से संन्यास लेंगे।

देहरादून : राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हरीश रावत ने अपने राजनीतिक जीवन में विरोधियों द्वारा दिए जा रहे घावों को महाभारत में अर्जुन के युद्ध के दौरान मिले घावों से जोड़ते हुए कहा है कि जिस तरह महाभारत युद्ध में अर्जुन घाव मिलने पर रोमांचित होते थे उसी तरह उन्हें भी अपने राजनीतिक जीवन में घाव दर घाव मिले हैं कई कई हारे झेली लेकिन उन्होंने राजनीति में ना ही अपनी निष्ठा बदली और ना ही कभी रण छोड़ा। साथ ही उन्होंने राजनीति जे उन बच्चो का आभार जताया है जो उनको उनकी हारे गिना रहे है।रावत के अनुसार राजनीति के कुछ नए नवेले आरएसएस की क्लास में सीखे हुनर को उन पर आजमा रहे है।लेकिन उन्हें नही पता वो जिस वक्त जन्म ले रहे होंगे वह अपने राजनीतिक जीवन की पहली हार पाकर दोबारा युध्द के लिए कमर कस चुके थे।

https://www.facebook.com/Harishrawatcmuk/posts/1713399565501277

हरीश रावत ने उन राजनीतिक नेताओं पर भी तंज कसा जो उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व में 70 विधानसभाओं में 11 सीटों पर आने की बात कह रहे हैं। यह वह लोग हैं जिनके वार्ड से कभी कांग्रेस जीत नहीं पाई। अरे साहब ने यह भी कहा कि बात हो 1971- 72 से ही अल्मोड़ा पिथौरागढ़ चंपावत बागेश्वर में चुनावी हार जीत के जिम्मेदार बन गए थे। उत्तराखंड निर्माण के बाद 2002 से 2019 तक वह उत्तराखंड के हर चुनाव में नायक की भूमिका में रहे है।
वही हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार के एक मंत्री पर भी उनके राजनीतिक हमले का जवाब दिया है उन्होंने कहा है कि इस मंत्री को वह उनके राजनीतिक आका के दुराग्रह के चलते अपना नहीं पाए उनकी सीख मुझे अच्छी लग रही है। मैं संन्यास लूंगा, अवश्य लूंगा मगर 2024 में, देश में राहुल गांधी जी के नेतृत्व में संवैधानिक लोकतंत्रवादी शक्तियों की विजय और श्री राहुल गांधी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पायेगा, तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे संन्यास के लिये प्रतीक्षारत रहें।
वहीं उन्होंने कहा कि उनके संन्यास लेने के बात उन्हें पसंद आई लेकिन वह 2024 में राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के बाद भी सन्यास लेंगे। लेकिन तब तक उनके राजनीतिक शुभचिंतक उनके संन्यास का इंतजार करते रहे। हरीश रावत के द्वारा राजनीतिक हमलावरों पर किया गया ट्वीट राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं में है।