जब डीएम ने बदजुबानी कर रहे डीएफओ को किया बैठक से बाहर

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  • समस्या के समाधान के बजाय डीएम व डीएफओ में तनातनी 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

बागेश्वर : सोमवार को जनसुनवाई के दौरान समस्या के समाधान के बजाय जिलाधिकारी व प्रभागीय वनाधिकारी की ही आपस में तनातनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि डीएम ने डीएफओ को कार्यक्रम से बाहर जाने को कह दिया। जब वह नहीं गए तो डीएम के सुरक्षा कर्मी उन्हें सभाकक्ष से बाहर ले गए। डीएम ने इस अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी हैं।

डीएफओ का व्यवहार अनुचित था। जनसुनवाई के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही है। कोई इससे बच नहीं सकते हैं। पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट शासन को कार्रवाई के लिए भेज दी है।

रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी, बागेश्वर

सोमवार को जिला सभागार में डीएम रंजना राजगुरु की अध्यक्षता में जनसुनवाई कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान भटखोला निवासी बुजुर्ग मथुरा दत्त भट्ट ने समस्या बताते हुए कहा कि दो माह पूर्व उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय से अपनी जमीन पर लगे तुन के पेड़ को काटने के लिए अनुमति मांगी थी। संबंधित विभाग ने इसकी इजाजत दे दी। इसके लिए उन्होंने दस हजार रुपये भी जमा करवाए। जिसके बाद तुन का पेड़ काट दिया गया, लेकिन अब वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उनको डरा धमका रहे हैं। कह रहे है बिना इजाजत के पेड़ कैसे काट दिया गया। तुम्हारा आवेदन तो निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने डीएम से इस समस्या का समाधान करने की मांग की।

डीएम ने जब इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी बीएस शाही से पूछा कि पेड़ काटने की पहले आपने इजाजत दी फिर कैसे निरस्त कर दी। अनुमति पत्र में आपके हस्ताक्षर भी हैं। आप गैर जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं। इस पर डीएफओ भड़क गए। डीएफओ के बहस करने पर डीएम ने उन्हें मीटिंग से बाहर जाने को कह दिया। जनसमस्याओं के दौरान अधिकारियों के बीच ऐसा माहौल होने से सभी सकते में आ गए। कुछ देर बाद जनसुनवाई कार्यक्रम भी खत्म हो गया।

डीएफओ का व्यवहार अनुचित था। जनसुनवाई के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही है। कोई इससे बच नहीं सकते हैं। पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट शासन को कार्रवाई के लिए भेज दी है।1रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी, बागेश्वर