आँखों में देखकर बात करने वालों के क्या सपने कुचले जाएँगे…….

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मर्दानगी ……..
हम तो मर्दानगी दिखाएँगे,
आवाज़ उठाने वाले,
अब कुचले जाएँगें ।
सपना उसने कैसे देखा,
हम शीशे के साथ,
सपनों पर भी मूसल चलायेंगे।
मर्द हैं हम,
मर्दानगी दिखायेंगे।
औरत है, क्या औक़ात?
आँख दिखाती,
और प्रश्न बेबाक़?
राजा हैं हम,
इस मिट्टी के,
उसका घमण्ड हम तोड़ दिखायेंगे।
मर्द हैं हम,
मर्दानगी दिखायेंगे।
तुझे पते कि बात बताऊँ?
राजा से ना,
नज़र मिला।
राजा का करो गुणगान,
दुम हिलाओ,
और लो ईनाम।
राजा तो है,
दरियादिल,
सबका हिसाब रखे हर दिन।
ना तू बात करे 
मनमानी,
झुक कर रह, अब बन सयानी।
तू तो औरत है,
बस सुनती रह,
वरना तू भी मिट जायेगी।
मर्दों की दुनिया है यह,
ख़ुश रहना है?
तो झुक कर रह।
अब हम मर्दानगी दिखायेंगे,
आँखों में देखकर बात करने वालों के,
सपने कुचले जाएँगे।
मर्द हैं हम,
मर्दानगी दिखायेंगे।

 

नाम:- कृति शर्मा

जन्म स्थान:- दिल्ली

शिक्षा/- B.Sc (DU); MBA(IP university )

सात वर्ष तक एचसीएल में कार्य किया व डेप्युटी मैनेजर बनने के बाद नौकरी को अलविदा कह पति के साथ विदेश चली गयी जहाँ उनकी नौकरी थी। अब घरसम्भालती हूँ, बच्चों की देख रेख करती हूँ।

रुचि:- उच्च कोटी का साहित्य पढ़ना। अंग्रेज़ी का साहित्य ज्यादा पढ़ा है।विभिन्न देशों मे घूमना,विभिन्न  संस्कृतियों के बारे में जानना। इसके साथ ही विभिन्नदेशों केशाकाहारी भोजन के बारे में  जानना और रसास्वादन करना भी मेरी रुचि है।

लेखन- Quora App पर नियमित लिखती हूँ। इसके अलावा कुछ वर्ष पहले तक कुछ अखबारों व वेबसाइट पर भी लिखी थी। अभी फिर से कलम उठाई है व हाल ही में ‘जनपक्ष’ के लिए एक लघु कथा की रचना की थी।

भाषा :- अंग्रेज़ी और हिंदी 

भाषा ज्ञान्- हिंदी,English में सक्षम हूँ लेकिन फ़्रेंच, संस्कृत, पंजाबी का ज्ञान भी रखती हूँ

पता :- कनाडा

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