डॉ. हरक सिंह रावत ने ये क्या कह दिया कि राजनीती में न कोई दुश्मन होता है न कोई दोस्त

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कहीं यह सरकार पर दबाव की रणनीति तो नहीं या अंदर खाने कुछ और पक रहा है !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : अपने बयानों से उत्तराखंड की राजनीति में पिछले कुछ समय से सुर्खियों में रहे मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने जन्म दिवस पर एक बार फिर से ऐसा बयान देकर सनसनी फैला दी है जिसके कई निहितार्थ निकले जा रहे हैं, राजननीतिक जानकार यह भी बता रहे हैं यह उनकी सरकार पर दबाव की रणनीति ही हो सकती है वहीं कुछ लोग कहते हैं कि वे चुनाव से ठीक पहले कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं यानि अंदरखाने कहीं कुछ और तो नहीं पक रहा है जो हरक सिंह रावत ने ऐसा बयान दिया !  
अपने जन्म दिवस अपर अपने सरकारी आवास यमुना कॉलोनी में डॉ. हरक सिंह रावत ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि की राजनीति में कोई दोस्त नहीं होता और ना ही कोई दुश्मन। त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल में बतौर मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं राजनीति का छात्र तो नहीं लेकिन मैंने प्रैक्टिकल तौर पर बहुत राजनीति की है तो इस आधार पर मैं कह सकता हूं कि राजनीति में न कोई दुश्मन होता है न कोई दोस्त।
हरक सिंह ने कहा कि मैं साफ कहता हूं कि राजनीती करने वालों को कभी भी यह गांठ नहीं बनानी चाहिए कि राजनीतीमें कोई दुश्मन या दोस्त होता है हर कोई किसी न किसी कारण से एक दूसरे से राजनीतिक स्वार्थों की खातिर जुड़ा हुआ होता है। ठीक इसी तरह यह भी जरूरी नहीं है कि आज आपको जिस ने वोट दिया कल वह आप को वोट दें  उन्होंने कहा समय के साथ-साथ प्राथमिकताएं और मुद्दे बदलते रहते हैं। उन्होंने कहा आज तक उन्होंने जितने भी दलों की यात्रा की है वह जनहित में है और अपने प्रदेश के हित में की है क्योंकि मुझे राजनीती से ज्यादा अपने प्रदेश की चिंता रहती है। 
अपने पुराने राजनीतिक जीवन पर उन्होंने कहा उनके बसपा में रहने के दौरान उन्होंने रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और चम्पावत जिले बनवाए ठीक इसी तरह उन्होंने कई और कार्य भी कांग्रेस में रहते हुए किए।  उन्होंने उल्टा सवाल दागते हुए कहा अब बताइए इन जिलों को बनाने से मेरा या फायदा हुआ फायदा तो वहां  के  लोगों का हुआ ना, मुझे तो कहीं से भी चुनाव लाडवा दो वहां की जनता मेरी हो जाती है क्योंकि उनके दुखदर्द में मैं साथ खड़ा रहता हूँ और मेरे साथ वहां की जनता हमेशा साथ रहती है। 
बहरहाल डॉ.हरक सिंह रावत ने बयान तो दे दिया अब लोग उनके जो मर्जी अर्थ निकालें। लेकिन उनके जन्म दिवस पर आज दिए गए बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।  कोई कहता है उनका भाजपा से मोह भंग हो गया है तो कोई कह रहा है यह उनकी प्रेशर टेक्टिस है। अब मायने कुछ भी हों लेकिन डॉ. रावत सुर्खियों में तो आ ही गए।