दो किमी दूर प्राकृतिक स्त्रोत से हो रही आपूर्ति
ग्रामीण महिलाएं पीठ के सहारे ढो रही पानी
रुद्रप्रयाग । विकासखण्ड जखोली का गोर्ती गांव पेयजल की समस्या से त्रस्त है। आलम यह है कि सर्दिंयों के दिनों में भी ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मियों में ग्रामीण जनता कितनी परेशान रहती है।
ब्लाॅक जखोली के अन्तर्गत गोर्ती गांव में लगभग अस्सी परिवार निवास करते हैं और गांव को जोड़ने के लिए कोई पेयजल योजना भी नहीं है। जिससे ग्रामीण जनता को दो किमी दूर पेयजल स्त्रोत से पीठ के सहारे पानी ढोते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जितने भी जनप्रतिनिधि बने हैं, सभी ने आश्वासन के बाद कोई कार्रवाई नहीं है। ग्रामीण जनता दो दशक से पानी की समस्या से परेशान है। पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी दो बार विधानसभा चुनाव जीते और पेयजल की समस्या का समाधान करने का भरोसा हर बार दिलाया, मगर समस्या खत्म नहीं हुई। इसके बाद वर्ष 2012 में डाॅ हरक सिंह रावत विधायक बने तो थोड़ी उम्मीद जगी, मगर डाॅ रावत भी जनता को सपने दिखाकर चले गये।
उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने जनता को बेवकूफ बनाया है। ग्रामीण सविता देवी, मीरा देवी ने बताया कि उनकी शादी को दस साल हो गये हैं, मगर गांव में आज तक पानी नहीं आया है। उरोली गांव से गोर्ती गांव को पानी से जोड़ने की योजना थी, मगर तथाकथित एक महिला जनप्रतिनिधि ने गांव में पानी नहीं आने दिया। अपनी राजनीति को चमकाने के लिए ऐसा किया गया। उस महिला जनप्रतिनिधि का गांव भी आस-पास है।
ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि एक महिला जनप्रतिनिधि महिलाओं की समस्याओं को नहीं समझ रही है। ऐसे जनप्रतिनिधियों के कारण ही समाज खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय अभियंता भी ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं, जिससे दो दशक से ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। वहीं इस संबंध में जब अधिकारियों से संपर्क किया तो फोन नहीं मिल पाया।