समुद्री यात्रा पर निकलीं उत्तराखंड की बेटियों ने पार किया ‘केप हॉर्न’

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  • केप हॉर्न  को पार करना माना जाता है ‘एवरेस्ट’ से भी खतरनाक 

नयी दिल्ली : उत्तराखंड की वर्तिका जोशी के नेतृत्व में समुद्र के रास्ते दुनिया का चक्कर लगाने निकलीं भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों ने सबसे मुश्किल पड़ाव ‘केप हॉर्न’ को पार किया। माना जाता है कि ‘केप हॉर्न’ को पार करना एवरेस्ट फतह करने जैसा मुश्किल है। इस दल में देहरादून की पायल गुप्ता भी शामिल हैं।दल की कामयाबी पर देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सुखद अनुभव कराने वाली खबर है कि आईएनएसवी तारिणी ने सबसे मुश्किल माने जाने वाले समुद्री क्षेत्र केप हॉर्न का चक्कर लगाया। उनकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है।

भारतीय सेना की छह महिला सदस्यों की तिरंगा लहराती तस्वीरें जारी करते हुए नौसेना ने उन्हें बधाई दी है। पिछले साल सितंबर में शुरू हुई यह यात्रा अप्रैल में पूरी होने की संभावना है। महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम करने के मकसद से नौसेना ने यह अभियान शुरू किया, जिसका नाम ‘नाविका सागर परिक्रमा’ रखा गया है।  नौसेना प्रवक्ता ने कहा कि केप हॉर्न का चक्कर लगाते हुए आईएनएसवी तारिणी के डैश बोर्ड पर तिरंगा लहराना जोश भरने के साथ बेहद गर्व का अनुभव करा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि इस अभियान का नेतृत्व श्रीनगर गढ़वाल केंद्रीय विवि में प्रोफेसर प्रो. पीके जोशी  और ऋषिकेश डिग्री कालेज में प्रवक्ता वर्तिका की मां अल्पना जोशी की पुत्री वर्तिका जोशी कर रही हैं। वहीँ अभियान दल में शामिल पायल गुप्ता देहरादून के रेसकोर्स की रहने वाली हैं। पायल के पिता विनोद गुप्ता व्यवसायी और मां नीलम गृहिणी हैं। पायल ने देहरादून से बीटेक कर नौ सेना ज्वाइन की है । 

इस अभियान दल में शामिल अन्य लोगों में प्रतिभा जामवाल, ले. कमांडर: गोवा से पोर्ट ब्लेयर, गोवा से मॉरिशस और गोवा से कैपटाउन अभियान का हिस्सा रह चुकीं। वहीँ पी. स्वाति : सबसे बड़ी ट्रांस अटलांटिक अंतरमहाद्वीपीय रेस में हिस्सा ले चुकी हैं।जबकि एस. विजया देवी, लेफ्टिनेंट: मणिपुर की विजया 2014 से समुद्री यात्राओं पर जा रही हैं। वहीँ बी. ऐश्वर्या : आईएनएसवी महादेई और तारिणी पर सफर कर चुकी हैं। 

इस अभियान की खास बातें :- 

23 हजार किलोमीटर से ज्यादा की कुल दूरी होगी 
20 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की
07 माह से भी ज्यादा लंबा सफर तय करना होगा
06 सदस्यीय चालक दल में सभी महिलाएं हैं