दलालों और ब्लैकमेलरों की बैशाखी के सहारे राजनीती करती उत्तराखंड कांग्रेस

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  • वजूद बचाने के लिये ”काले नाग” को गले में डालकर घूम रही हैं कांग्रेस

  • भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलने के लिए कांग्रेस के पास अब कुछ भी नहीं

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : उत्तराखंड की पाँचों लोकसभा सीटों पर करारी हार की मार के बाद कांग्रेस की बौखलाहट यहाँ के आवाम को साफ़-साफ़ दिखाई देने लग गयी है। कांग्रेस की दुर्गति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलने के लिए अब उसके पास कुछ है ही नहीं और जो है उसपर वह बोलने से कतरा रही हैं क्योंकि हमाम में कहीं न कहीं वह भी खुद को निर्वस्त्र देख रही है।

लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के नेता अपनी सुध-बुध खो बैठे हैं और अब अपना वजूद बचाने के लिये उसी ”काले नाग” को गले में डालकर चल रहे है जिसने 2016 में कांग्रेस को बुरी तरह डसकर बेज़ान कर दिया था। उस समय उत्तराखंड के सबसे बड़े ब्लैकमेलर दलाल और कथित पत्रकार ”काले नाग” ने कांग्रेस की सरकार को गिराने और उसके बाद विधायकों की खरीद—फरोख्त के बहाने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग कर डाला था। इस स्टिंग के द्वारा हरीश रावत सरकार की वापसी के सारे दरवाजे बंद करने की साजिश रची गई थी।

हरीश रावत को आज भी अपनी सरकार के गिरने की टीस जहां गाहे-बगाहे कचोटती रहती हैं वहीं सरकार गिराने के कुत्सित प्रयास का ”दर्द” भी उनकी जुबान पर आता रहता है। मगर बदली परिस्थितियों में कांग्रेस के लोग उस दलाल व स्टिंगबाज को ही अपना ‘सहारा’ मानकर भाजपा सरकार को घेरने की फिराक में हैं।

इस स्टिंगबाज काले नाग” और कथित पत्रकार ने भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में उल्टे—सीधे काम न होने पर त्रिवेंद्र रावत को लपेटने के लिये बहुत कोशिशें की लेकिन वह अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र तक पहुंचने के लिये इस कुख्यात दलाल स्टिंगबाज काले नाग” ने सरकारी अफसरों, मुख्यमंत्री के नजदीकियों और उनके परिजनों तक को फंसाने की भरपूर कोशिशें की, इतना ही नहीं उसने अपने गुर्गों के माध्यम से उन लोगों से की गई रोज़मर्रा की हर सामान्य सी बात को भी कैमरे में रिकार्ड की। इस बात को उसके द्वारा स्टिंग के काम में लगाये गये कथित गुर्गे ने ख़ुद मीडिया के सामने स्वीकार किया था कि कैसे उसने काले नाग” के इशारे पर मुख्यमंत्री को फंसाने के लिये षड्यंत्र किया था।

काले नाग”और उसके ”गुर्गे द्वारा बनाये गए कुछ आडियो और वीडियो क्लिप से भी यह साबित हो गया था कि कैसे ये त्रिवेंद्र रावत को फंसाकर उल्टे सीधे काम कराने की साजिश रच रहे हैं। चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की स्थिति ऐसी दयनीय हो गई है कि आज उसे अपनी ही लुटिया डुबाने वाले दलाल स्टिंगबाज की बैशाखी का सहारा लेना पड़ रहा है।

स्टिंग को लोकतांत्रिक सरकारों और समाज के लिये खतरनाक बताने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के नजदीकी कांग्रेस विधायक करन माहरा इस स्टिंगबाज के फर्जी स्टिंगों को प्रेस के सामने दिखाकर अभी तक दो बार अपनी किरकिरी करवा चुके है। इन पुराने और घिसे-पिटे फर्जी स्टिंगों को बार-बार नए कलेवर में लाना शायद विधायक माहरा की मजबूरी बन गयी है क्यूँकि वे कमज़ोर कांग्रेस में खुद को मजबूत दिखाकर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर कब्जा करना चाहते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार को निगलने वाले काले नाग” को अपने गले में लपेटकर विधायक करन माहरा लड़खड़ाती और डूबती कांग्रेस में कितने मज़बूत हो पाते हैं  यह तो आनेवाला वक़्त ही बताएगा लेकिन देवभूमि को अब तक लूट खसोटने वाले काले नाग” जैसे दलालों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए और अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए इस तरह के फर्जी दलालों का सहारा लेने वाले नेताओं के मुहँ पर भी कालिख पोतनी चाहिए। जो प्रदेश में ऐसे तमाम काले नागों” का सहारा बनकर राज्य को देश -दुनिया में बदनाम करने पर तुले हुए हैं कि जैसे उत्तराखंड में बेईमानों के अलावा कोई और रहता ही नहीं है