उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2020ः तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के मंदिर के कपाट खुले

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बुधवार 11.30 बजे अश्विनी नक्षत्र में खुले कपाट

ग्रीष्मकाल में छः माह तुंगनाथ मंदिर में होगी पूजा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

तुंगनाथ/ऊखीमठ। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के मंदिर के कपाट बुधवार दोपहर 11.30 बजे ज्येष्ठ माह अश्विनी नक्षत्र, त्रयोदशी तिथि में विधि-विधान से खोल दिए गए। कपाट खुलने से पूर्व श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली बुधवार सुबह 9 बजे चोपता से तुंगनाथ पहुंची। उत्सव डोली को मंदिर परिसर में विराजमान किया गया। उत्सव डोली ने 18 मई को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से प्रस्थान किया था। 
कपाट खोलने के लिए द्वार पूजन एवं भैरवनाथ जी का आह्वान किया गया। श्री तुंगनाथ जी का मंदिर समुद्र तल से 12070 फीट पर सभी मंदिरों से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया तथा मास्क लगाए गए। देवस्थानम बोर्ड, हक हकूकधारी एवं प्रशासन के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित रहे। 
कपाट खुलने के बाद बाबा की समाधि पूजा, रुद्राभिषेक एवं जलाभिषेक किया गया। भगवान से पूरे विश्व में जन कल्याण की कामना की गई। बाबा तुंगनाथ मंदिर में भगवान तुंगनाथ का प्रथम रुद्राभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से संपन्न किया जा रहा है। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित उपस्थित रहे।
श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखंड के चार धामों सहित पंच बदरी एवं पंच केदार के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुल गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए अभी चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गई है। प्रदेश के पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि कोरोना संक्रमण का खतरा टलने के बाद शीघ्र ही चार धाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि उत्तराखंड के चार धामों में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल तथा श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल को खुल गए हैं।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के मंदिर के कपाट 11 मई तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के मंदिर के कपाट 18 मई को खुल गए। आज श्री तुंगनाथ जी के मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के सभी मठ-मंदिरों के कपाट खुल चुके हैं।