अनधिकृत निर्माण पर राहतों के बाद अब भारी जुर्माने की तैयारी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल और डीजल पर दी जा रही छूट को वापस लेने के बाद दामों में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में जहां पेट्रोल ढाई रुपये महंगा हुआ है तो वहीं डीजल का दाम एक रुपयेे बढ़ा है। वहीं कैबिनेट ने अनधिकृत निर्माण को न्यूनतम करने के लिए निर्माण के नियमों और मानकों में ढील देते हुए एक बार फिर कई कदम उठाए हैं। इसके पीछे मंशा ये ही है कि भवन निर्माण की जटिलताओं को कम से कम किया जाए, साथ ही ज्यादा से ज्यादा अवैध निर्माणों के नियमितीकरण के लिए रास्ता खुल सके। सरकार का मानना है कि नियमों में शिथिलता के बाद अवैध निर्माण के लिए कम से कम गुंजाइश रहेगी। इसके बावजूद, यदि अवैध निर्माण किए जाते हैं, तो इसके लिए भारी भरकम जुर्माने की भी सरकार व्यवस्था करने जा रही है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 11 मुद्दों पर फैसला हुआ। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल में बढ़ोतरी के साथ ही भारत सरकार के जीएसटी में संशोधन पर कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस संशोधन को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।
त्रिवेंद्र सरकार ने इस वर्ष की शुरुआत में वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी। यह योजना छह महीने चलकर जून 2019 में खत्म हो गई। हालांकि इसका बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया। इसकी वजह ये भी रही कि सरकार का इन पिछले महीनों में चुनावी चुनौती से निबटने में ज्यादा ध्यान रहा। अब स्थिति सामान्य होने के बाद सरकार ने इस योजना में कुछ एक बातों को और शामिल करते हुए तीन महीने के लिए इसकी अवधि बढ़ा दी है।अनधिकृत निर्माण पर राहतों के बाद अब भारी जुर्माने की तैयारीदेवभूमि मीडिया ब्यूरो देहरादून । उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल और डीजल पर दी जा रही छूट को वापस लेने के बाद दामों में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में जहां पेट्रोल ढाई रुपये महंगा हुआ है तो वहीं डीजल का दाम एक रुपयेे बढ़ा है। वहीं कैबिनेट ने अनधिकृत निर्माण को न्यूनतम करने के लिए निर्माण के नियमों और मानकों में ढील देते हुए एक बार फिर कई कदम उठाए हैं। इसके पीछे मंशा ये ही है कि भवन निर्माण की जटिलताओं को कम से कम किया जाए, साथ ही ज्यादा से ज्यादा अवैध निर्माणों के नियमितीकरण के लिए रास्ता खुल सके। सरकार का मानना है कि नियमों में शिथिलता के बाद अवैध निर्माण के लिए कम से कम गुंजाइश रहेगी। इसके बावजूद, यदि अवैध निर्माण किए जाते हैं, तो इसके लिए भारी भरकम जुर्माने की भी सरकार व्यवस्था करने जा रही है।सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 11 मुद्दों पर फैसला हुआ। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल में बढ़ोतरी के साथ ही भारत सरकार के जीएसटी में संशोधन पर कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस संशोधन को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। त्रिवेंद्र सरकार ने इस वर्ष की शुरुआत में वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी। यह योजना छह महीने चलकर जून 2019 में खत्म हो गई। हालांकि इसका बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया। इसकी वजह ये भी रही कि सरकार का इन पिछले महीनों में चुनावी चुनौती से निबटने में ज्यादा ध्यान रहा। अब स्थिति सामान्य होने के बाद सरकार ने इस योजना में कुछ एक बातों को और शामिल करते हुए तीन महीने के लिए इसकी अवधि बढ़ा दी है।
सरकार ने भवन उपविधि में भी आमूलचूल संशोधन किए हैं। आवास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार, हमने यह कोशिश की है कि अवैध निर्माण के लिए कोई गुंजाइश न रहने पाए। इसलिए छोटी-छोटी तकनीकी बातों का भी ध्यान रखा गया है। इसके बावजूद, यदि अवैध निर्माण किए जाते हैं, तो यह बर्दाश्त नहीं होंगे। इसके लिए जल्द ही जुर्माना राशि को बढ़ाने की व्यवस्था भी की जा रही है।अब ये होगी वन टाइम सेटलमेंट व्यवस्थापूर्व व्यवस्था में एकल आवासीय भवन में बैक सेटबैक में 40 प्रतिशत निर्माण की अनुमन्यता है, जिसकी ऊंचाई सात मीटर तक अनुमन्य है। संशोधित प्राविधान के अनुसार, 40 प्रतिशत निर्माण दस मीटर तक की ऊंचाई तक अनुमन्य होगा। यानी अतिरिक्त तीन मीटर ऊंचाई अनुमन्य होगी। 150 वर्ग मीटर तक भूखंड में बैक सेटबेक 100 फीसदी तक कंपाउंडिंग हो सकेगी। व्यवसायिक मामलों में पूर्व प्राविधान के साथ अतिरिक्त दस फीसदी तक की सुविधा दी गई है।
नाम मानक न्यूनतम भूखंड का क्षेत्रफल मानक न्यूनतम पहुंच मार्ग
क्लीनिक/कलेक्शन सेंटर 50 वर्ग मीटर 6.0 मीटर
लेबोरट्री 100 वर्ग मीटर 7.5 मीटर
हास्पिटल 1000 वर्ग मीटर 9.0 मीटर
हास्पिटल 2000 वर्ग मीटर 12 मीटर
हास्पिटल 5000 वर्ग मीटर 15 मीटरकैबिनेट के अन्य फैसले :--उत्तराखंड परिवहन विभाग में प्रवर्तन कर्मचारी वर्ग सेवा नियमावली में संशोधन पर कैबिनेट की मुहर। प्रवर्तन कर्मचारी की शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा में किया बदलाव। -ऐसे कर्मचारी जो 2006 से 2010 के बीच विभिन्न विभागों से सचिवालय में सेवारत हैं, उन्हें संविलियन करने के बाद दिया जाएगा सचिवालय संवर्ग। -सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों के लिए धारा 25 के तहत रोकड़ के परिवहन के लिए नियमावली पर लगी मुहर। -गैरसैंण के आस-पास जमीनों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटी, अब आसानी से हो सकती है जमीनों की खरीददारी। लंबे समय से इस क्षेत्र में जमीनों की खरीद-बिक्री पर सरकार ने लगा रखा था प्रतिबंध।
सरकार ने भवन उपविधि में भी आमूलचूल संशोधन किए हैं। आवास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार, हमने यह कोशिश की है कि अवैध निर्माण के लिए कोई गुंजाइश न रहने पाए। इसलिए छोटी-छोटी तकनीकी बातों का भी ध्यान रखा गया है। इसके बावजूद, यदि अवैध निर्माण किए जाते हैं, तो यह बर्दाश्त नहीं होंगे। इसके लिए जल्द ही जुर्माना राशि को बढ़ाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
अब ये होगी वन टाइम सेटलमेंट व्यवस्था
पूर्व व्यवस्था में एकल आवासीय भवन में बैक सेटबैक में 40 प्रतिशत निर्माण की अनुमन्यता है, जिसकी ऊंचाई सात मीटर तक अनुमन्य है। संशोधित प्राविधान के अनुसार, 40 प्रतिशत निर्माण दस मीटर तक की ऊंचाई तक अनुमन्य होगा। यानी अतिरिक्त तीन मीटर ऊंचाई अनुमन्य होगी। 150 वर्ग मीटर तक भूखंड में बैक सेटबेक 100 फीसदी तक कंपाउंडिंग हो सकेगी। व्यवसायिक मामलों में पूर्व प्राविधान के साथ अतिरिक्त दस फीसदी तक की सुविधा दी गई है।
नाम मानक न्यूनतम भूखंड का क्षेत्रफल मानक न्यूनतम पहुंच मार्ग
क्लीनिक/कलेक्शन सेंटर 50 वर्ग मीटर 6.0 मीटर
लेबोरट्री 100 वर्ग मीटर 7.5 मीटर
हास्पिटल 1000 वर्ग मीटर 9.0 मीटर
हास्पिटल 2000 वर्ग मीटर 12 मीटर
हास्पिटल 5000 वर्ग मीटर 15 मीटर