ईवीएम पर अनर्गल प्रलाप विपक्ष का लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास : त्रिवेन्द्र

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  • ईवीएम का विरोध देश की जनता द्वारा के जनादेश का अनादर
  • विरोध का कोई तार्किक आधार नहीं है और वह सिर्फ निजी स्वार्थ प्रेरित 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून  : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विपक्ष के विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा ईवीएम को लेकर जारी अनर्गल प्रलाप एवं देश में अराजकता फैलाने के उनके कुत्सित षड्यंत्र को जनता का अनादर बताते हुए कहा कि यह भारत की पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया और देश के महान लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाने का विफल प्रयास है। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने वाला बताया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि ईवीएम का विरोध देश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अनादर है। उन्होंने कहा अपनी संभावित हार से बौखलाए देश के 22 राजनीतिक दलों ने देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है।उन्होंने कहा इन सभी दलों की मांगों का कोई तार्किक आधार नहीं है और वह सिर्फ निजी स्वार्थ से प्रेरित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है। इस प्रकार विपक्ष सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारत के लोेकतंत्र का इतिहास है कि सन् 1977 से 2014 के सभी आम चुनावों में भारी परिवर्तन शांतिपूर्वक हुए जिससे देश के लोकतंत्र पर सारे विश्व की आस्था मजबूत हुई और देश का गौरव भी बढ़ा। अपने निहित स्वार्थ और पराजय को न मानने की मानसिकता के कारण विपक्ष चुनाव आयोग और देश के लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।