अल्ट्रासाउंड अब इमरजेंसी,आईसीयू, डिजास्टर और प्राथमिक उपचार में भी

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  • एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग ने आयोजित की कार्यशाला
  • इमरजेंसी में ही मरीजों के हो सकेंगे अब अल्ट्रासाउंड 
  • हल्द्वानी, लखनऊ, दिल्ली, पांडीचेरी के चिकित्सक बने भागीदार  

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में दो दिवसीय इमरजेंसी सोनियोग्राफी कोर्स शुरू हो गया, जिसके तहत विभिन्न मेडिकल संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को आपातकाल में जीवन रक्षा के लिए अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता बताई। एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला का संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया।

इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि अल्ट्रासाउंड बहुत ही उपयोगी मशीन है। जहां पहले इसका इस्तेमाल सिर्फ रेडियोलॉजिस्ट करते थे, अब अन्य सभी चिकित्सक भी इसका उपयोग करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड अब एक विजुअल स्टेथोस्कोप बन गया है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने कहा कि संस्थान के सभी चिकित्सकों व नर्सिग स्टाफ को अल्ट्रासाउंड का उपयोग सिखाकर चिकित्सा का स्तर बढ़ाया जाएगा जिससे रोगियों को इसका लाभ मिल सके।

कोर्स के निदेशक व एम्स नई दिल्ली के प्रोफेसर संजीव भोई ने प्रतिभागियों को इमरजेंसी एरिया में अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड के उपयोग से कुछ ही क्षणों में मरीज के लिए जानलेवा परिस्थितियों का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड का उपयोग इमरजेंसी, आईसीयू, प्राथमिक उपचार व डिजास्टर में होने लगा है। बताया कि अधिकाधिक लोगों के प्रशिक्षित होने से डिजास्टर की स्थिति में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द मदद दी जा सकती है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली एम्स में अंडर ग्रेजुएट को अल्ट्रासाउंड प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। ऋषिकेश एम्स में भी इस विषय पर तिमाही कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। आपातकालीन चिकित्सा विभागाध्यक्ष डा.सुबोध कुमार ने बताया कि विभाग में एक अल्ट्रासाउंड मशीन पहले से कार्य कर रही है, मरीजों की सुविधा के लिए जल्द ही दो अन्य मशीन भी लगाई जाएंगी। इससे इमरजेंसी में ही मरीजों के अल्ट्रासाउंड हो सकेंगे।

कार्यशाला में हल्द्वानी, लखनऊ, दिल्ली, पांडीचेरी आदि क्षेत्रों के चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यशाला में मुंबई के प्रो.अजीत बविस्कर,एम्स दिल्ली के डा.तेजप्रकाश सिन्हा, थ्रिसूर केरल के डा.मनु अय्यर, मणिपाल के डा.अजय अमलावत ने भी व्याख्यान दिए। इस अवसर पर डीन सुरेखा किशोर, डीन एलुमिनाई प्रो.बीना रवि,डीन स्टूडेंट्स वैलफेयर प्रो.मनोज गुप्ता,डा.मोनिका पठानिया,डा.कुमार सतीश रवि, डा.किम जैकब मैमन,डा.कमर आजम,डा.मीनाक्षी धर,डा.रविकांत,डा.भारत भूषण भारद्वाज, डा.निधि लेले, डा.बलराम जीओमर, डा.विशाल मोगो,डा.अजय कुमार आदि मौजूद थे।