परिवहन सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से आरटीओ का तबादला आदेश !

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परिवहन सचिव ने मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के दिए आदेश 

आदेश में परिवहन आयुक्त कार्यालय में उप आयुक्त सुधांशु गर्ग को देहरादून का आरटीओ बनाए जाने का था उल्लेख 

पहले भी हुआ था इस तरह का एक फर्जी आदेश : अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन) राधा रतूड़ी के हस्ताक्षर से ईगास की छुट्टी का कर दिया था शासनादेश जारी 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । उत्तराखंड परिवहन सचिव शैलेश बगौली के जाली हस्ताक्षर से देहरादून के संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) का तबादला आदेश जारी करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरटीओ ने सचिवालय पहुंचकर तबादला आदेश की सच्चाई बताई तो परिवहन सचिव हैरान रह गए। उन्होंने साफ किया कि शासन स्तर से ऐसा कोई तबादला आदेश जारी नहीं हुआ है। साथ ही इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए। उनके आदेश पर आरटीओ ने देहरादून कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दे दी है। 
शासन स्तर पर फर्जी आदेश जारी होने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन) राधा रतूड़ी के हस्ताक्षर से ईगास की छुट्टी का शासनादेश जारी कर दिया गया था। इस मामले में भी सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से भी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अब सचिव परिवहन के फर्जी हस्ताक्षर से आरटीओ के तबादले के मामले से हर कोई हैरान है। इसका खुलासा होने के बाद परिवहन आयुक्त कार्यालय से लेकर शासन स्तर तक में हडकंप मच गया। हर कोई हैरान है कि आखिर फर्जी आदेश जारी करने के पीछे किन लोगों को हाथ है? शुक्रवार को देहरादून के आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को सोशल मीडिया के माध्यम से तबादला आदेश की खबर लगी। इस आदेश में परिवहन आयुक्त कार्यालय में उप आयुक्त पद पर तैनात सुधांशु गर्ग को देहरादून का आरटीओ बनाए जाने का उल्लेख था।
पठोई के मुताबिक, सोशल मीडिया में तबादला आदेश वायरल हो रहा था। मामला उनके संज्ञान में आया तो तबादला आदेश के बारे में उन्होंने परिवहन सचिव से बात की। उसके बाद परिवहन सचिव को मिलकर आदेश की प्रति दिखाई। परिवहन सचिव ने आदेश को पूरी तरह से फर्जी बताया। उन्होंने साफ किया कि शासन स्तर पर ऐसा कोई तबादला नहीं किया गया है। वह तबादला आदेश को देखकर हैरान थे। दरअसल, आदेश की भाषा और शासन स्तर पर जारी होने वाले आदेश की भाषा और डिजाइन में कोई अंतर नहीं था। यहां तक कि परिवहन सचिव के हस्ताक्षर भी हूबहू थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन सचिव ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर जारी करने के आदेश दे दिए।