धार्मिक मान्यताओं को आज की पीढ़ी को जानना-समझना होगा : माता श्री मंगला

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माताश्री राजेश्वरी देवी की स्मृति में आयोजित हुआ मातृ शक्ति दिवस

  • राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी, स्वास्थ्य ,चिकित्सा के लिए कर रहे हैं कार्य
  • हंस फाउंडेशन देश के 28 राज्यों में दे रही है अपनी सेवायें 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

ऋषिकेश : आज के समय में हमारी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति अपनी विचारधारा और अपने लोक उत्सवों से जुड़े रहते हुए इनके संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। ताकि हम अपने उस सांस्कृतिक कुनवे को बचाए रख सकें। जिसको स्थापित करने में हमारे पूर्वजों ने हजारों साल लगा दिए। उक्त विचार समाज सेवी माताश्री मंगला जी ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में आयोजित माताश्री राजेश्वरी देवी जी स्मृति में आयोजित मातृ शक्ति दिवस के मौके पर व्यक्त किए।

  • माताश्री राजेश्वरी देवी थीं अपने समय की आध्यात्मिक विभूति

माताश्री मंगला जी ने इस मौके पर कहा माताश्री राजेश्वरी देवी अपने समय की आध्यात्मिक विभूति थीं। उनका सारा जीवन ज्ञान प्रचार एवं जनकल्याण के कायरें के लिए समर्पित था। उन्होंने केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों में अध्यात्म ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर लोगों के दिलों में प्रेम, एकता, शाति और सद्भाव की ज्योति जलाई। आज उन्हीं की जलाई इस ज्योति के प्रकाश में हम असंख्य लोगों के साथ खड़े होकर अपनी सेवाएं दे रहे है। ताकि इनका जीवन स्तर बेहतर हो सके और यह लोगों अपने जीवन परिवेश को नयी दिशा दें सकें।

  • उत्तराखंड के विकास के लिए संस्था हमेशा प्रयासरत

इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए मंगला माता जी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए हमारी संस्था हमेशा प्रयासरत रहती है। इसी कड़ी में हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में स्कूली छात्र-छात्राओं का रुझान शिक्षा की और बढ़े इस दिशा में मिड डे मील भी प्रारंभ करने जा रहा है। इसके पहले चरण में उत्तराखण्ड के पांच जिलों में यह मिड डे मील सेवा प्रारंभ की जाएगी ।

ऋषिकेश के पूर्णानंद कॉलेज में आयोजित श्री मां राजराजेश्वरी के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम से पूर्व पत्रकारों से बात करते हुए माताश्री मंगला जी ने बताया कि हम राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी, स्वास्थ्य ,चिकित्सा के लिए विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं। ताकि इन ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे हैं लोग तक स्वास्थ्य-शिक्षा के साथ-साथ वह हर जरूरी सेवा पहुंच सके। जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा आवश्यक है।

  • ऋषिकेश में पांच सौ लोगों की क्षमता वाले रैन बसेरे के  निर्माण का निर्णय

माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने माताश्री राजेश्वरी देवी जी की स्मृति में आयोजित जयंती समारोह में पहुंचे अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हम हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में देश के 28 राज्यों में सेवाएं दे रहे है। यह देख सुखद अनुभव होता हैं कि हम सेवा के जिस मार्ग पर चल रहे है। उस मार्ग पर हमारे साथ असंख्य लोग खड़े हैं। असल में यही सब हमारी ताकत है। हम हंस फाउंडेशन के माध्यम से स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर जन-कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस दिशा में फाउंडेशन ने पिछले दिनों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को अत्यआधुनिक सुविधा युक्त सचल एंबुलेंस बस उपलब्ध कराई है। जिसमें मरीजों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसी के साथ हमने एम्स में आने वाले रोगियों के तीमारदारों की परेशानी को देखते हुए पांच सौ लोगों की क्षमता वाले रैन बसेरे का निर्माण करने का निर्णय भी लिया है। जिसके लिए एम्स प्रशासन भूमि उपलब्ध कराएगा। हंस फाउंडेशन द्वारा चारधाम यात्रा के दौरान दो लोगों के उपचार सहित अन्य हाईटेक सुविधा संपन्न एंबुलेंस बस का संचालन यात्राकाल में किया जा रहा है।

  • द हंस जनरल अस्पताल आज हो रहा है वरदान साबित

आपको बता दें कि हंस फाउंडेशन के एम्स को जो सचल वाहन भेंट किया है। इसके माध्यम से दूर-दराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही है। इसी के साथ फाउंडेशन ने पौड़ी गढ़वाल सतपुली में दो सौ बेड का द हंस जरनल अस्पताल का निर्माण करवाया है। जिसमें आज के समय में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। जो गरीब लोगों धनाभाव के कारण अपना इलाज नहीं करवा पाते थे और असमय मौत की आगोश में चले जाते थे उन लोगों के लिए द हंस जरनल अस्पताल आज वरदान साबित हो रहा है। विधवा पेंशन,गरीब कन्याओं का विवाह,अनाथ एवं गरीब बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ देश के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हंस फाउंडेशन आज देश में सेवा के पटल पर सेवा की नयी परिभाषा गढ़ रहा है।

ऋषिकेश में आयोजित दो दिवसीय माता श्री राजेश्वरी देवी जी की स्मृति में आयोजित मातृ शक्ति दिवस में देश-विदेश से आए हजारों लोगों मौजूद थे। इस मौके पर पार्श्व गायक सुरेश वाडकर ने गुरु महिमा एवं माता महिमा की महिमा का गुणगान किया।