गाड़ियों में हेडलाइट के अलावा कोई लाइट नहीं लगेगी : हाई कोर्ट

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अधिवक्ता शशांक उपाध्याय की जनहित याचिका पर हुआ निर्देश  

नैनीताल : उत्तराखंड में अब किसी भी तरह की गाड़ियों में अतिरिक्त फैंसी लाइटें लगाने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फ़ैसला सुनाया। अधिवक्ता शशांक उपाध्याय ने यह जनहित याचिका लगाई थी।

उपाध्याय का कहना था कि गाड़ियों में कंपनी की लगाई लाइट ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने के लिए पर्याप्त होती हैं और अतिरिक्त लाइट से सामने से आने वाले वाहन को दिखाई नहीं देता जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। अधिवक्ता शशांक उपाध्याय ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि गाड़ियों में कंपनी की लगाई लाइट ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने के लिए पर्याप्त होती हैं और अतिरिक्त लाइट से सामने से आने वाले वाहन को दिखाई नहीं देता जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। हाई कोर्ट ने याचिका  पर सुनवाई करते हुए कहा कि कम्पनी की लगाई हेडलाइट के अलावा कोई भी लाइट लगाना गैरकानूनी है, साथ ही अदालत ने भी कहा कि अतिरिक्त लाइटें दुर्घटना का कारण बनती हैं।

हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कम्पनी की लगाई हेडलाइट के अलावा कोई भी लाइट लगाना गैरकानूनी है। अदालत ने कहा कि अतिरिक्त लाइटें दुर्घटना का कारण बनती हैं।

हाईकोर्ट ने राज्य के सभी आरटीओ, डीएम, एसएसपी के साथ ही ही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को आदेश दिए कि वाहनों में लगी अतिरिक्त लाइटें हटाई जाएं। डीआईजी कुमाऊं और डीआईजी गढ़वाल को निर्देशित किया है कि वे हाई बीम लाइट लगाने के क्या क्या दुष्परिणाम हैं, इसका प्रचार समाचार पत्रों टीवी चेनलों के माध्यम से करें और लोगों को जागरूक करें। यदि कोई नहीं हटाता है, तो उनका चालान मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार करें। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश केएम जोसफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह को खंडपीठ में हुई मामले को सुनने के बाद जनहित याचिका की निस्तारित कर दी।