सैन्यधाम और विद्याधाम भी है उत्तराखण्ड : केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह

भारत ही एक ऐसा देश, जहां संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती है

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उत्तराखंड में चारधाम तो हैं लेकिन यहां का गांव-गांव है सैन्य धाम : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वह राज्य के विकास में आगे आएं

हम सबका सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश कैसे सर्वांगीण विकास करे : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । दून के परेड मैदान में आयोजित उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मुख्य समारेाह में मुख्‍य अतिथि के रूप में शामिल केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां हर गांव से लोग सेना में हैं। यहां चारधाम तो हैं और यहां का गांव-गांव सैन्य धाम है। उन्होंने कहा अब उत्तराखंड विद्याधाम भी बन चुका है यहां देशभर से बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं।

मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड से उनका हमेशा भावनात्मक लगाव रहा है। जब उत्तराखण्ड का निर्माण हुआ था वे ही संयुक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बड़ी खुशी की बात है कि उत्तराखण्ड तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य ने राष्ट्रीय स्तर अपनी विशेष पहचान बनाई है। उत्तराखण्ड 20 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। यह ऐसी अवस्था होती है जब सब कुछ कर गुजरने की ललक होती है, साथ ही जोखिम भी उठाने का भाव होता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भारत की देवभूमि है। पूरी दुनिया में इसे सम्मान प्राप्त है। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि यहां का हर गांव सैन्यधाम है। उत्तराखण्ड की शिक्षण संस्थानों मं देश भर के छात्र-छात्राएं पढ़न आते हैं। इसे देश का विद्याधाम भी कहा जा सकता है। यहां के शिक्षण संस्थान लघु भारत का रूप हैं।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती है। सच्चे मायनों में राष्ट्र की संज्ञा, भारत को ही दी जा सकती है क्योंकि यही एक ऐसा देश है जिसने अपनी सांस्कृतिक पहचान सदियों से बनाए रखी है। यहां की विविधता में एकता अद्भुत है। भारत की सांस्कृतिक पहचान है यहां की उदारता, सहिष्णुता, समरसता, वीरता, सामर्थ्य, सर्वधर्म समभाव। दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देने वाला राष्ट्र भारत ही है। कवि इकबाल ने ठीक ही कहा था ‘यूनान मिस्त्र रोमां मिट गए जहां से, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।’ भारत प्राचीन काल से ही समृद्ध राष्ट्र था। भारतीय सभ्यता ज्ञान विज्ञान, वाणिज्य व्यापार और कला में कहीं आगे थी। हमारे प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों को ताकत देने का काम हमारा नौजवान ही कर सकता है। देश व समाज में सकारात्मक परिवर्तन युवाओं से ही सम्भव है। आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। 5 ट्रिलियन इकोनोमी का हमारा लक्ष्य है। इसमें युवाओं क सहयोग से ही किया जा सकता है।

रक्षा मंत्री ने कारगिल लड़ाई में शहीद विक्रम बत्रा का स्मरण करते हुए कहा कि हम सभी में उनके जैसा जज्बा होना चाहिए। आज स्टैंड अप, स्किल इण्डिया और स्टार्ट अप के माध्यम से युवा देश की प्रगति में योगदान कर रहा है। हमें स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से भी प्रेरणा लेनी चाहिए।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ”निशंक” आदि ने दीप प्रज्वलित कर ‘भारत-भारती उत्सव’ समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश की गईं। इसमें पंजाब, राजस्थान, मणिपुर, ओड़िशा और बंगाल आदि राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।

स्थापना दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों शुभकामनाएं देने के साथ ही आंदोलनकारियों व शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 19 साल में राज्‍य की कैपिटल इनकम बढ़ी है। उन्होंने कहा 33 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 

सरकार प्रदेश के संतुलित विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। आज का दिन ऐतिहासिक है, प्रदेश के लिए भी  और देश के लिए भी। आज तमाम समस्याओं का निवारण हो रहा है। राज्य स्थापना सप्ताह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर सरकार युवाओं, महिलाओं, सैनिकों, अप्रवासी उत्तराखण्डियों का सहयोग लेना चाहती है। रैबार, सैनिक सम्मेलन, महिला सम्मेलन, युवा सम्मेलन, फिल्म कान्क्लेव में प्राप्त सुझावों को अमल में लाया जाएगा।  ‘‘भारत भारती उत्सव‘‘ में भारतीय संस्कृति के विविध रंग देखने को मिले है। यहां से सांस्कृतिक एकता का संदेश गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री ने स्थापना दिवस पर ये की घोषणाएं

  • आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह वर्ष के बच्‍चों के लिए सप्‍ताह में चार दिन दूध, दो दिन अंडा और दो दिन केला उपलब्‍ध होगा।

  • राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी राज्‍य कृषि विकास परियोजना लागू होगी।

  • वृद्धावस्‍था, विकलांगता, विधवा पेंशन में दो सौ रुपये की वृद्धि की जाएगी, जो एक जनवरी 2020 से लगू होगी।

  • उपनल और पीआरडी कर्मचारियों का मनादेय बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। यह भी एक जनवरी 2020 से लागू होगा।

  • ईको टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी।

  • सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्‍यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लायी जाएगी। इससे पहाड़ों और दूरस्‍थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा। साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

  • राज्‍य में रूरल बिजनेस इन्‍क्‍यूबेटर्स की स्‍थापना की जाएगी।

  • कामकाजी महिलाओं के बच्‍चों की देखभाल के लिए सेलाकुई व रुद्रपुर में महिला हॉस्‍टल का निर्माण किया जाएगा।

  • राज्‍य में पशुओं का बीमा कराए जाने के लिए बीमा धनराशि की गैप फंडिंग की भरपाई राज्‍य सरकार की ओर से की जाएगी।

  • ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट योजना बनाई जाएगी।

  • राज्‍य में दीनदयाल उपाध्‍याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्‍वयन किया जाएगा।

  • प्राथमिक स्‍कूलों व उच्‍च प्राथमिक स्‍कूलों में बच्‍चों को सप्‍ताह में एक दिन फोर्टिफाइड मीठा दूध उपलब्‍ध कराया जाएगा।

  • पारंपरिक अनाजों जैस मंडुआ, झंगोरा, पाफर तथा दालों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को स्‍वीकृति दी जाएगी।

  • एरोमा पार्क पॉलिसी बनाई जाएगी।

  • होमस्‍टे योजना पर राज्‍य सरकार की ओर से स्‍टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।

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