जानिए कैसा रहेगा पूरे राष्ट्र के लिए वर्ष 2021

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राजनेताओं को उतरना होगा सत्य की कसौटी पर खरा 
बढ़ेंगे प्राकृतिक प्रकोप एवं बीमारियां
ज्योतिष अध्यात्म और आयुर्वेद होंगे मूल्यवान साबित

आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल

 

ऐसा रहेगा राशि अनुसार नववर्ष का फल

मेष रूचक नाम के महापुरुष योग से वर्ष की शुरुआत हो रही है इसमें भूमि भवन और राज्य लाभ परंतु स्वास्थ्य में विकार रहेगा वृष राशि राशि पर राहु ग्रह होने से स्वजनों से मनमुटाव एवं पारिवारिक अशांति रहेगी। मिथुन राशि बारहवें भाव में राहु होने से अनावश्यक खर्चे होंगे परंतु धन की प्राप्ति भी होती रहेगी। कर्क राशि सप्तम भाव में राहु की युति होने से दांपत्य जीवन में विछोह की स्थिति बनेगी परंतु धन पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। सिंह राशि रोग शत्रु भाव में शनि की युति होने से मुकदमे आदि में विजय प्राप्त होगी कन्या राशि संतान भाव की चिंता रहेगी। मानसिक झंझट रहेंगे तुला राशि पारिवारिक उलझन मनमुटाव एवं स्वास्थ्य पर धन हानि के योग रहेंगे। वृश्चिक राशि सभी प्रकार से सौभाग्य की प्राप्ति होगी धनु राशि धन पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। मकर राशि स्वास्थ्य विकार परंतु भूमि भवन का लाभ होगा राज्य लाभ कुंभ राशि पारिवारिक उलझन मनमुटाव शत्रुओं से परेशानी होगी मीन राशि भाग्योदय होगा। नया कार्य नई सर्विस की प्राप्ति होगी मनोवांछित स्थान पर स्थानांतरण की संभावना रहेगी

देहरादून : यद्यपि हिंदू नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा से प्रारंभ होता है परंतु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार एक जनवरी 2021 शुक्रवार से सरकारी कामकाज एवं अन्य धंधों के लिए नव वर्ष शुरू हो जाएगा सौरमंडल में ग्रहों की स्थिति के अनुसार नव वर्ष पूरे राष्ट्र के लिए सामान्य शुभ रहेगा

राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल के संस्कृत प्रवक्ता आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि इस वर्ष नए साल की शुरुआत शुक्रवार को उदय व्यापिनी द्वितीय तिथि एवं देव गुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाले नक्षत्र पुष्य में प्रारंभ हो रहा है इसलिए पूरे देश के लिए यह नव वर्ष सामान्य शुभ रहेगा यद्यपि प्राकृतिक प्रकोप एवं नई नई बीमारियां फैलने से लोग परेशान भी रहेंगे परंतु जप तप व्रत से आरोग्यता एवं ऐश्वर्य प्राप्त करेंगे

मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं संस्कृत गौरव सम्मान से सम्मानित डॉक्टर चंडी प्रसाद ज्योतिषीय विश्लेषण करते हुए बताते हैं नववर्ष के दिन उत्पात नाम का योग है और सायंकाल में भद्रा भी रहेगी परंतु बृहस्पति के आधिपत्य वाले पुष्य नक्षत्र में शुरुआत होने से ज्योतिष अध्यात्म और आयुर्वेद से लोगों को तमाम झंझट से मुक्ति मिलेगी भारत विश्व गुरु की तरफ बढ़ेगा परंतु न्यायालय कारी शनि ग्रह और देव गुरु बृहस्पति की मकर राशि में युति होने से मणिकांचन योग बन रहा है जो दूध का दूध और पानी का पानी करेगा इसलिए राजनेताओं को बहुत सावधानी से कार्य करने की आवश्यकता है अन्यथा जनता में असंतोष पैदा हो सकता है

उन्होंने बताया की आयुर्वेद के स्वामी चंद्रमा ग्रह के अपनी राशि कर्क में होने से आयुर्वेदिक औषधियों को यश की प्राप्ति होगी तथा सूर्योदय पर धनु जोकि बृहस्पति का लगन है होने से धर्म-कर्म में रुचि रखने वाले लोगों को विजय प्राप्त होगी मंगल के स्वराशि मेष पर होने की वजह से जन धन में बढ़ोतरी होगी सरकार के किसी बड़े फैसले से नई जन क्रांति होगी जो देश के लिए भविष्य का आधार बनेगी

ज्योतिष वैज्ञानिक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल आगे बताते हैं कि साल के शुरू में ही देव गुरु बृहस्पति और फिर दैत्य गुरु शुक्र के अस्त होने की वजह से विवाह मुंडन आदि शुभ कार्य 13 अप्रैल तक वर्जित रहेंगे परंतु तंत्र मंत्र यंत्र साधना के लिए वर्ष की शुरुआत बहुत अच्छी है