राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 57648,जिनमें 50820 संक्रमित हो चुके हैं ठीक

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उत्तराखंड में 606 नए कोरोना संक्रमित पाए गए, छह की मौत

राज्य में अब मरने वालों की संख्या 835 पहुंची 

देहरादून जिले में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 15827 पहुंची

देहरादून। देहरादून जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत प्राप्त हुई रिपोर्ट में 183 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव प्राप्त होने के फलस्वरूप जनपद में आतिथि तक कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 15827 हो गयी है, जिनमें कुल 13519 व्यक्ति उपचार के उपरान्त स्वस्थ हो गये हैं। वर्तमान में जनपद में  1753 व्यक्ति उपचाररत हैं। इसके अतिरिक्त जनपद में आज जांच हेतु कुल 1834 सैम्पल भेजे गये। कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत बचाव एवं रोकथाम हेतु जनपद अन्तर्गत विभिन्न चिकित्सालयों में वर्तमान में 186 आईसीयू बैड रिक्त हैं।
देहरादून। शनिवार को उत्तराखंड में 606 नए कोरोना संक्रमित पाए गए। प्रदेश में आज छह मरीजों की मौत हुई है। वहीं 665 मरीज आज ठीक हुए हैं। अब राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 57648 हो चुकी है। जिसमें से 50820 संक्रमित सही हो चुके हैं। राज्य में अब मरने वालों की संख्या 835 हो गई है। 
प्रदेश में छह मरीजों की मौत हुई है। इसमें एम्स ऋषिकेश में एक, मैक्स हास्पिटल में एक, हिमालयन हास्पिटल में दो, सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज में दो मरीजों ने दम तोड़ा है। वहीं, 665 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। अब तक 50820 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश की रिकवरी दर 88 प्रतिशत अधिक हो गई है। 
आज अल्मोड़ा में 27, बागेश्वर में 14, चंपावत में 16, चमोली में 15, देहरादून में 183, हरिद्वार में 117, नैनीताल में 94, पौड़ी में 48,
पिथौरागढ़ में 13, रुद्रप्रयाग में 19, टिहरी में 22, ऊधमसिंहनगर में 25, उत्तरकाशी में 31 कोरोना संक्रमित पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने तीन महीने बाद काशीपुर में कोविड केयर सेंटर बंद कर दिए हैं। दो दिन से कोरोना पॉजिटिव मरीजों को फिर से रुद्रपुर भेजा जाने लगा है। अब तक नौ मरीजों को रुद्रपुर भेजा जा चुका है। करीब एक हफ्ते पहले निरीक्षण के दौरान दोनों कोविड सेंटरों में अनियमितताएं भी मिलीं थी। जुलाई में स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की सुविधा के लिए रामनगर और बाजपुर रोड स्थित दो होटलों में कोविड केयर सेंटर शुरू किए थे। यहां बिना लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखा जाता था। यहां अब तक साढ़े पांच सौ से अधिक मरीजों को रखा जा चुका है।