चौराबाड़ी में बन रही झील के प्रभाव का पता लगाने पहुंचा वैज्ञानिकों का दल

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जिला आपदा प्रबंधन की टीम को वहां कोई झील नहीं नजर आई

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ से करीब चार किलोमीटर दूर ऊपरी इलाके में स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर की तलहटी में पहुंचकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम को वहां कुछ भी ख़तरा न दिखाइ देने के बाद अब झील की वास्तविकता पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों का दल मंगलवार को केदारनाथ पहुंच गया। यह दल दो दिन में रिपोर्ट सौंपेगा।

पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि चौराबाड़ी ग्लेशियर की तलहटी में फिर से झील बन गई है। एक संस्था ने इस क्षेत्र में ट्रेकिंग के लिए गए अपने दल के हवाले से यह दावा किया था।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इसके मद्देनजर उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम चौराबाड़ी ग्लेशियर की तलहटी पर भेजी थी। लेकिन टीम को वहां कोई झील नहीं नजर आई। आपदा के बाद चौराबाड़ी की जो स्थिति थी, वहीं वर्तमान में दिखी।

डीएम ने बताया कि चौराबाड़ी से आगे ग्लेशियरों की तलहटी पर पहले से छोटे ताल मौजूद हैं। इनमें ग्लेशियरों का पानी पहले से ही जमा रहता है। इस बार अधिक बर्फबारी होने से ताल में पानी की मात्र अधिक हो सकती है।

इसकी जांच के लिए वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान को पत्र लिखकर टीम भेजने का आग्रह किया गया था। डीएम ने बताया कि मंगलवार को चार वैज्ञानिकों का दल केदारनाथ पहुंच गया। यह दल चौराबाड़ी ग्लेशियर के आगे तलहटी के तालों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगा।