टी.पी.एस. रावत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला

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  • भाजपा ने जनता को गुमराह करने व ठगने के सिवा कुछ काम नहीं किया
  • एक रैंक-एक पेंशन के मुद्दे पर हो रहे भेदभाव से सेना के मनोबल हो रहा कमजोर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद ले.जन. (अ.प्रा.) टी.पी.एस. रावत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में जनता को गुमराह करने व ठगने के सिवा कुछ काम नहीं किया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ले.जन. (अ.प्रा.) टी.पी.एस. रावत ने भाजपा पर पूर्व सैनिकों को गुमराह करने तथा सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन-इसकी आड में सैनिकों के साथ छलावा किया गया। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ जब तीनों सेनाओं के 10 पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर माननीय राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखकर पूर्व सैनिकों के साथ एक रैंक-एक पेंशन के मुद्दे पर हो रहे भेदभाव और उससे सेना के मनोबल के कमजोर होने की आशंका जताई गई।
उन्होंने कहा कि सिविल क्षेत्र का कार्मिक 60 वर्ष में रिटायर होता है वहीं सेना में सेवानिवृत्ति की आयु इससे बहुत कम है और विभिन्न रैंक की सेवानिवृत्ति की आयु में अंतर है। कांगे्रस सरकार के समय श्री भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में एक संसदीय कमेटी गठित की गयी जिसने वन रैक-वन पैन्शन की संस्तुति की जिस के सापेक्ष 500 करोड की धनराशि कांग्रेस सरकार द्वारा जारी की गयी। 2014 में मोदी जी ने सियाचिन में सैन्य बलों से वादा किया कि एक समान पेन्शन व्यवस्था को लागू किया जायेगा। चन्द उद्योगपतियों को 85000 करोड से ज्यादा का लाभ देने के लिये तो इस सरकार के पास धन है किन्तु देश की रक्षा करने वाले सैनिकों की स्वीकृत माॅंग को पूरा करने के लिये धन नहीं है। यह केवल उत्तराखण्ड ही नहीं पूरे देश के सैनिकों के प्रति इस सरकार की भावना को दर्शित करता है।
ले.जन. (अ.प्रा.) टी.पी.एस. रावत ने कहा कि सेना का राजनीतिकरण-आजाद हिन्दुस्तान में पहली बार ऐसा हुआ कि हमारी सेनाओं का राजनीतिकरण किया जा रहा है। चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, चाहे एयर स्ट्राइक हो, ये सिर्फ और सिर्फ फौज का शौर्य और पराक्रम है तथा इसका श्रेय भी भारतीय सेना को जाना चाहिए। लेकिन चूंकि न केन्द्र की मोदी सरकार और न राज्य की त्रिवेन्द्र सिंह सरकार अपने कार्यकाल की कोई उपलब्धि बता पाने में सक्षम हैं इसलिए सेना की आड में 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने का कायराना कदम उठाया गया है। भारतीय सेना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मोदी की सेना कहा जाना सेना का अपमान है। वे आजाद भारत के सैन्य बलों के गौरयमयी इतिहास को भूल गये। भारतीय सेनाओं ने हमेशा देश की सुरक्षा की है और आगे भी करेंगे। ले.जन. रावत ने कहा कि राफेल डील में सरकार ने राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता किया है।
मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद यू.पी.ए. सरकार के समय में फं्रास से 126 राफेल विमान खरीद समझौते को रद्द कर नया समझौता किया। जो विमान यू.पी.ए. सरकार  526 करोड़ रूपये में खरीद रही थी उसी विमान को 1670 करोड़ रूपये प्रति विमान खरीदने का सौदा किया। इस खरीद में देश को 30 हजार करोड़ रूपये का चूना लगाकर मोदी जी ने अपने एक उद्योगपति मित्र की कम्पनी को नाजायज फायदा पहुंचाया। प्रधानमंत्री इस घोटाले के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सवालों के जवाब न तो संसद में दे पाये और न ही देश की जनता को दे पाये।
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