सुदूरवर्ती ग्रामीणों के साथ लोकनृत्य पर माता श्री मंगला जी ने मिलाये कदम

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  • उत्तरकाशी जिले के दूरस्थ गांव जखोल तक पहुंचा द हंस फाउंडेशन
  • माता श्री मंगला जी ने किया स्वास्थ्य सुविधाओं का शिलान्यास
  • दूरस्थ इलाके को हंस पॉवर पैक से किया जगमग 
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तरकाशी के दूरस्थ इलाके रूपिन घाटी के जखोल में स्थित सोमेश्वर मंदिर के प्रांगण में  भोले जी महाराज एवं माता श्री मंगला देवी के पहुँचते ही सारा जखोल गांव झूम उठा। बिस्सू त्योहार की उमंगों के बीच माता श्री मंगला जी के इस सुदूरवर्ती ग्राम्यांचल में पहुँचने पर इलाके की महिलाओं अपनी परम्परागत वेशभूषा में सुसज्जित होकर अपनी बहुमूल्य सांस्कृतिक परम्परा से तांदी नृत्य किया।  सामूहिक नृत्य से अविभूत माता श्री मंगला जी ने ग्रामीण महिलाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर उनके साथ नृत्य में भाग लिया। 
गुरुवार को माता श्री मंगला जी और भोले जी महाराज ने आज़ादी के 70 वर्ष बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं से कोसों दूर जखोल क्षेत्र में पहुंचकर इलाके की कई समस्याओं का निदान किया।वहीं उन्होंने हंस फाउंडेशन द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित इस इलाके में लोकार्पण किया। उन्होंने जखोल में एक डिस्पेंसरी का लोकार्पण किया जिसमें  एक डॉक्टर,एक फार्मासिस्ट, एक मेडिकल अटेंडेंट एक एम्बुलेंस मय ड्राईवर स्थायी तौर पर रखे गए हैं। हंस फाउंडेशन द्वारा इलाके में स्वास्थ्य सुविधा दिए जाने से इलाके के ग्रामीण बहुत खुश नज़र आये।
इस अवसर पर माता श्री मंगला जी ने कहा हंस फाउंडेशन प्रदेश के दूर दराज के इलाकों में शिक्षा , स्वास्थ्य और पेयजल सुविधाएँ उपलब्ध करने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सहित देश के 27 अन्य राज्यों में हंस फाउंडेशन वहां की सरकारों के साथ मिलकर अपनी सेवाएँ दे रहा है, जिसका लाभ हजारों ऐसे लोगों को मिल रहा है जहां अभी तक ये सुविधाएँ नहीं पहुँच पायी थी। 
उन्होंने अपने संबोधन में जखोल इलाके के सावणी गांव में बीते वर्ष हुए भीषण अग्निकांड के प्रभावितों को 25 -25 हज़ार रूपये देने की घोषणा की। वहीं उन्होंने जखोल इंटर कॉलेज सहित आसपास के विद्यालयों के आधुनिकीकरण हंस फाउंडेशन द्वारा किये जाने की बात भी कही। 
उन्होंने कहा वे जखोल के इंटर कॉलेज के विज्ञान प्रयोगशाला के लिए लैब व उपकरण उपलब्ध करवाएंगे। इस दौरान उन्होंने बर्फवारी के दौरान बिजली की  सुविधा से वंचित जखोल और सावणी गांव और दूरदराज के लगभग 430 परिवारों के लिए एक -एक हंस पॉवर पैक देने की घोषणा की है। यह पावर पैक सोलर ऊर्जा से संचालित होता है और कई दिनों तक एक परिवार के लिए रोशनी दे सकता है।