हिमालयन हॉस्पिटल में अत्याधुनिक तरीके से हो रही स्पाइन सर्जरी

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अब तक न्यूरोसर्जरी विभाग ने की 350 सफल स्पाइन सर्जरी
स्पाइन की किसी भी प्रकार की चोट को गंभीरता से लें

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । बीते वर्ष में जब सारा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था तब हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम ने रोगियों को सुऱिक्षत व बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान की। जिसमें स्पाइन सर्जरी के रोगियों की संख्या अधिक थी।
हिमालयन हाॅस्पिटल जौलीग्रांट के न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डाॅ. रंजीत कुमार ने बताया कि वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर दिसम्बर तक कुल 715 ऑपरेशन किये गये। जिसमें सिर्फ जटिल स्पाइन सर्जरी के 350 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया। इन मरीजों में दुर्घटना के कारण होने वाले रीढ़ की हड्डी के फ्रेक्चर, स्पाइन ट्यूमर, स्पाइन टीबी, कैन्सर, डिस्क सर्जरी (साइटिका) के मरीजों की संख्या अधिक थी, जिनका सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। इनमें कुछ छोटे बच्चों में जन्म से रहने वाली रीढ़ की हड्डी के फोड़े एवं गाँठ का भी सफल ऑपरेशन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. रंजीत कुमार के अलावा डॉ. ब्रिजेश तिवारी एवं डॉ. संजीव पांडेय, 24 घण्टे सभी प्रकार के आपातकालीन सर्जरी के लिए उपलब्ध रहे। दूर दराज इलाकों से आए हुए मरीजों को रात में सीधे भर्ती किया गया और शीघ्रता के साथ उपचार और सर्जरी की गयी। जिससे की नसों में ताकत वापस आने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है। इस वर्ष किए गये ऑपरेशनों में सबसे अधिक संख्या स्पाइन सर्जरी की है जो सफल सर्जरी का प्रतीक है। स्पाइन से संबंधित किसी भी बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए यह सुविधा उपलब्ध है और अधिकतर मरीज दो से तीन दिन में ही चलने के बाद घर जाने योग्य हो जाते हैं।

स्पाइन इंजरी को नजरअंदाज न करें

डाॅ. रंजीत कुमार ने बताया कि स्पाइन की किसी भी प्रकार की चोट को नजरअंदाज नहीं करें। यदि किसी को स्पाइन से संबंधित कोई परेशानी है तो ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। स्पाइन सर्जरी कराने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आती। लोगों में मिथक है कि स्पाइन सर्जरी नहीं करानी चाहिए। बल्कि स्पाइन इंजरी का इलाज न करा के कई बार मरीज अपनी परेशानी को और बढ़ा लेता है।

सर्जरी में अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल

स्पाइन से संबंधित हर सर्जरी में अत्याधुनिक उपकरणों जैसे माइक्रोस्कोप, ड्रिल सिस्टम, कूसा सिस्टम का उपयोग किया गया। हिमालयन हॉस्पिटल की अत्याधुनिक न्यूरोसर्जरी ओटी को 3 न्यूरोसर्जन की टीम सम्भालती है। हर एक केस के विषय में मरीजों को विस्तार से जानकारी देने के बाद यह टीम ऑपरेशन करती है और मरीजों को एक नया जीवन मिलता है ।

आयुष्मान योजना के तहत की गयी 80 प्रतिशत सर्जरी

केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश मंे लागू आयुष्मान योजना के तहत अधिकतर आपरेशन किये गये। इसमें भी 80 प्रतिशत सर्जरी आयुष्मान योजना के अंतर्गत की गयी। प्रदेश के कई शहरों से आये गरीब लोग इस योजना से लाभान्वित हुये।