‘अरबन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड योजना’ लागू करने की तैयारी में है राज्य सरकार !

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कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में लागू होगी अरबन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड योजना 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नगरीय इलाकों में आधार कार्ड से लिंक होगी संपत्तियां

योजना के आकार लेने पर शहरी क्षेत्र की सभी संपत्तियों की आइडी तैयार कर उसे आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।

इसमें सभी प्रकार की संपत्तियों से संबंधित लेखा-जोखा होगा। संपत्ति का डिजिटल डोर नंबर भी बनेगा, जिससे सभी अभिलेख निगम के पास सुरक्षित रहेंगे। वहीं साथ ही इनसे विवादों का निस्तारण भी तुरंत हो सकेगा।

देहरादून । उत्तराखंड राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में सभी शहरी संपत्तियों को राज्य सरकार कर के दायरे में लाने के मद्देनजर सरकार प्रदेश में भी ‘अरबन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड योजना’ (UPORY) लाने की तैयारी में है। इस योजना के लागू होने का एक फायदा तो यह होगा कि ए दिन संपत्तियों के झगड़ों से जहां निगम के भू -रिकॉर्ड सही होंगे वहीं राजस्व और पुलिस विभाग को राहत मिलेगी वहीं बेनामी संपत्तियों के रिकॉर्ड भी सरकार के सामने होंगे।  यह सब शहरी क्षेत्र की संपत्तियां को आधार कार्ड से लिंक होने के बाद होगा। 

गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश सरकार जहां इस योजना को अपने आठ बड़े नगर निकाय के अंतर्गत आने वाले नगरों में लागू करने की तैयारी में है। वहीं कर्नाटक में ऐसी योजना सफल रही है, कर्नाटक सरकार का मानना  है कि उनके यहाँ इस योजना के लागू हो जाने के बाद नगरीय इलाकों में जमीनों के मालिकाना हक़ के मामलों में कमी आई है।

वहीं इस योजना से प्रेरणा लेकर अब उत्तराखंड सरकार भी राज्य के सभी आठ नगर निगमों में इस योजना को लागू करने पर विचार कर रही है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार योजना को लागू करने में चुनौतियां भी कम नहीं हैं, लिहाजा इसको लागू करने से पहले इस पर होमवर्क किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे, ताकि योजना के संबंध में आगे की रणनीति तैयार हो सके।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक आठ नगर निगमों में योजना लागू होने के बाद इसे राज्य के अन्य नगर निकायों को भी लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के आठ नगर निगम क्षेत्रों में तमाम संपत्तियों के मालिकाना हक का लेखा-जोखा निगमों के पास उपलब्ध नहीं है। ऐसे में शहरी क्षेत्रों की संपत्ति को लेकर कई बार विवाद की स्थिति रहती है। यही कारण है कि अब उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की तरह उत्तराखंड में भी ”अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड योजना” लागू करने की राज्य सरकार सोच रही है।

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