पलायन रोकने के लिया पर्वतीय जिलों के लिए ‘विशेष फण्ड’ की होनी चाहिए व्यवस्था

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  • पर्वतीय क्षेत्र पलायन की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त

  • पलायन के कारण सैकड़ों गांव हो चुके हैं निर्जन (घोस्ट विलेज) 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नयी दिल्ली : उत्तराखंड से राज्य सभा सांसद बलूनी ने कहा कि पलायन के कारण सैकड़ों गांव निर्जन (घोस्ट विलेज) हो चुके हैं और यह क्रम तेजी से उत्तराखंड के अन्य जनपदों में भी जारी है। उन्होंने कहा इस भयावह समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार के सहयोग की महती आवश्यकता है। इसी क्रम में सांसद अनिल बलूनी ने मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण से मुलाक़ात कर उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के लिए विशेष बजट आवंटित करने की मांग की है। 

उन्होंने कहा मूलभूत सुविधाओं और सामान्य से रोजगार के लिए होने वाले पलायन के उन्मूलन के लिए धरातल पर व्यावहारिक नीति बन सके और ठोस कार्य हो सके। उत्तराखंड के पौड़ी टिहरी उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग चमोली बागेश्वर अल्मोड़ा चंपावत पिथौरागढ़ तथा नैनीताल जनपद का पर्वतीय क्षेत्र पलायन की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त हैं।

सांसद बलूनी ने कहा की आगामी बजट में अगर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए ‘विशेष फण्ड’ की व्यवस्था होती है तो यह राज्य के लिए मील का पत्थर होगा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हिमालयी राज्य के लिए जीवनदान होगा। उन्होंने कहा वह इस क्रम में विभिन्न मंत्रालयों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संवाद कर इस कड़ी को आगे बढ़ाएंगे।

सांसद बलूनी ने कहा अगर ढांचागत अवस्थापना के साथ रोजगार उन्मूलन की नीति बनती है तो वह पलायन रोकने में कारगर होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार इस विषय में अवश्य गंभीरता से विचार करेगी।