श्री बदरीनाथ धाम को स्मार्ट, स्पिरिचुअल सिटी के रूप में किया जाए विकसित : प्रधानमंत्री श्री मोदी

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यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के लिए होम स्टे भी विकसित करने पर दें ध्यान : PM 

बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान : 2025 तक पूरा होगा काम

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून :  प्रधानमंत्री जी ने श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में पौराणिक व आध्यात्मिक महत्व को बनाये रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा  कि श्री बदरीनाथ धाम को स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए और वहां सहित यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के लिए होम स्टे भी विकसित किए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने श्री बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की भी व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के समक्ष श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया । इस दौरान उन्होंने श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी प्रगति की जानकारी भी प्रधानमंत्री श्री मोदी को दी।
प्रधानमंत्री जी ने श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि श्री केदारधाम के आसपास के गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी के समाधि स्थल का काम भी तेजी से चल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है और दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। नजदीक के गांवों में होम स्टे पर काम हो रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जाएगा। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को दी जाएगी। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने काम होगा। सभी काम तय समय पर पूरे किए जाएंगे। 
इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य जी के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।
वहीं सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। यहां देवदर्शिनी स्थल विकसित होगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी बनाई जाएगी। लाइट एंड साउंड सिस्टम के जरिए दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।