HARIDWAR : स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के अस्थि विसर्जन के कार्यक्रम में अव्यवस्था इतनी हावी रही कि अटल जी के परिजनों के साथ मुख्यमंत्री, सांसद एवं अन्य कई महत्वपूर्ण लोगों के जूते और चप्पलें तक गायब हो गए। इतना ही नहीं खोये जूते और चप्पलों को खोजने के लिए अधिकारियों के साथ कई नेता भी जुटे रहे, लेकिन वे नहीं मिल पाए तो बाद में कई लोग तो नंगे पैर ही अपनी गाड़ियों में बैठकर हैलीपैड की तरफ रवाना होने को मजबूर रहे।
रविवार की दोपहर को करीब डेढ़ बजे हरि की पौड़ी पर अटल जी की अस्थियों का विसर्जन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सभी परिजन, नेता, अधिकारी, पदाधिकारी अपने गंतव्यों को जाने को तैयार हुए।लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने जूते पहनने के लिए जूता स्टाल पर पहुंचे,तो उनके जूते गायब थे। वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को भी उनके चप्पल नहीं मिल सके।
इतना ही नहीं जब अटल जी के परिजन भी जूता स्टाल पर पहुंचे तो उनके जूते और चप्पल भी गायब थे। मुख्यमंत्री, सांसद के साथ अटल जी के परिजनों के जूते गायब होते ही अधिकारियों के साथ-साथ नेताओं के होश उड़ गए। सभी ने मिलकर जूते स्टाल के साथ आसपास में जूते ढूंढे, लेकिन करीब 15 मिनट खोजने में बीत जाने के बाद तक भी जूते -चप्पल नहीं मिल सके। जूते न मिलने से सभी नंगे पैर जाने को मजबूर रहे। वहीं कुछ लोग तो मोबाइल तक चोरी हो जाने की चर्चा भी करते रहे।
वहीँ हरिद्वार में इतनी उमस भरी गर्मी रही कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के दौरान कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की तबियत बिगड़ी। एक मीडियाकर्मी को तो अस्पताल तक में भर्ती कराना पड़ा। हरिद्वार में भीषण गर्मी के कारण युबह से ही लोगों का बुरा हाल था। जब अस्थि कलश यात्रा शुरु हुई तो सूरज भी अपने चरम पर था। ऐसे में एक मीडियाकर्मी तनुज वालिया की तबियत बिगड़ गई।
चक्कर और बेहोशी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहीं लक्सर के विधायक संजय गुप्ता को भी ज्यादा गर्मी और भीड़ में धक्कामुक्की होने के कारण चक्कर आ गए। गुप्ता ने खुद को बमुश्किल संभाला। वहीं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के प्रतिनिधि नरेश शर्मा की भी तबियत चक्कर आने के कारण दो बार बिगड़ी। ऐसी शिकायतें कई और लोग भी करते नजर आए।