मंत्रिमंडल के दस में से सात सदस्यों को देखना पड़ा हार का मुंह

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देहरादून। विधानसभा चुनाव में न केवल कांग्रेस का सफाया हुआ है बल्कि सीएम समेत हरीश मंत्रिमंडल के दस में से सात सदस्यों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। इंदिरा हृदेश, प्रीतम पंवार और प्रीतम सिंह ही अपने-अपने दुर्ग बचाने में कामयाब रहे। हरीश रावत निवर्तमान विधानसभा में धारचूला सीट से विधायक थे। प्रदेश स्तर पर अपनी स्वीकार्यता को साबित करने के लिए वह इस बार उधम सिंह नगर के किच्छा और हरिद्वार जनपद के हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में उतरे। हरीश रावत शायद यह साबित करना चाहते थे कि वह पहाड़ के साथ ही मैदानी क्षेत्र में भी बराबर की सियासी ताकत रखते हैं।

हैरतजनक रूप से हरीश रावत को दोनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। किच्छा में भाजपा के राजेश शुक्ला ने और हरिद्वार ग्रामीण में भाजपा के ही यतीश्वरानंद ने उन्हें भारी मतों से पराजित किया। कांग्रेस सरकार में सीएम के बाद सबसे वरिष्ठ मंत्री इंदिरा हृदेश ने हल्द्वानी का अपना दुर्ग बचाने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी वाईपी सिंह को छह हजार मतों से अधिक के अंतर से पराजित किया है। इसी तरह चकराता सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और निवर्तमान मंत्रिमंडल के सदस्य प्रीतम सिंह भाजपा की मधु चौहान को डेढ़ हजार मतों से हराया है। हरीश मंत्रिमंडल के एक एन्य सदस्य प्रीतम सिंह पवार निर्दल प्रत्याशी के रूप में धनौल्टी से चुनाव लड़े थे। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन मल्ल चुनाव मैदान में थे।

हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने प्रीतम सिंह पवार को समर्थन दिया और वह भाजपा के नारायण सिंह राणा को डेढ हजार मतों से पराजित करने में कामयाब रहे। इन तीनों को छोडक़र मंत्रिमंडल के बाकी सभी सात सदस्यों को हार का मुंह देखना पड़ा है। निवर्तमान कैबिनेट सदस्य नव प्रभात को विकासनगर में भाजपा प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान के हाथों छह हजार से अधिक मतों से पराजित होना पड़ा है । शिक्षा व पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को देव प्रयाग में भाजपा के विनोद कंडारी से पांच हजार से अधिक मतों से हार का मुंह देखना पड़ा है। राजेन्द्र भंडारी को बदरीनाथ में भाजपा के महेन्द्र भट्ट ने पांच हजार से अधिक मतों से हराया है।

कांग्रेस के समर्थन से टिहरी सीट से निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले पर्यटन मंत्री दिनेश धनै को भाजपा के धन सिंह रावत ने पांच हजार से अधिक मतों के शिकस्त दी है। वरिष्ठ कांग्रेसी और वन मंत्री दिनेश अग्रवाल को देहरादून में धर्मपुर सीट पर भाजपा के विनोद चमोली से दस हजार से अधिक मतों से पराजित होना पड़ा। कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गये पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कोटद्वार सीट पर कांग्रेस नेता व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को दस हजार से अधिक मतों से पराजित किया है। इस तरह मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत उनकी कैबिनेट के दस में से सात सदस्यों की बुरी तरह पराजित हुए हैं। यह साबित करता है कि हरीश रावत सरकार से किस कदर जनता नाराज थी। कांग्रेस की इस अप्रत्याशित हार को मोदी लहर का नाम नहीं दिया जा सकता।

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