देखिये कैसे टूटा भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर सेनर गाड़ में बना पुल

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बीआरओ द्वारा निर्मित पुल के निर्माण पर ही सवालिया निशान लगे 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
पिथौरागढ़ : भारत-चीन सीमा पर पिथौड़ागढ़ जिले के सीमान्त इलाके मुनस्‍यारी-मिलम मार्ग पर स्‍स्टील गार्डर पुल सोमवार की सुबह  एक पोकलैंड मशीन को ले जा रहे ट्रक संख्या यूके 04 सीबी 5138 का भार भी नहीं झेल पाया और भरभराकर सैनर गाड़ में समा गया।  हालांकि यह भी जानकारी सामने आ रही है कि वहां तैनात बीआरओ सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी ने ट्रक चालक को ऐसा करने से रोका था। लेकिन अब इस लगने शुरू हो गए हैं कि पुल का निर्माण घटिया सामग्री से हुआ था या पुल के निर्माण के दौरान इसकी क्षमता का आकलन नहीं किया गया था कि यह भारी भरकम मशीनों को सीमा तक ले जाने के लिए सुरक्षित है। वहीँ स्थानीय लोगों का कहना है कि जब यह पुल एक भारी भरकम वाहन का वजन नहीं झेल पाया तो युद्ध की स्थिति में यह सेना के बड़े-बड़े टैंक या तोपों को ले जाने वाले मल्टीपर्पज वाहनों का भार कैसे झेल पाता ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार सैनर गाड़ पर बना यह पुल मुनस्यारी -मिलम मार्ग पर बना हुआ है जो चीन सीमा तक भरी मशीनों को ले जाने के लिए और सेना के लिए रसद सामग्री आदि लाने लेजाने के उद्देश्य से इस तरह के पुलों का निर्माण किया गया है। हादसे में ट्राले पर सवार दो लोग घायल हुए है जिन्हे इलाज के लिए भेजा गया है। इसके साथ ही देर शाम तक बीआरओ द्वारा सैनर गाड़ में पुल के मलवे के साथ फंसे ट्रक और पोकलैंड को निकालने का प्रयास जारी था।
मिली जानकारी के मुताबिक सैनर गाड़ पर बने इस पुल टूटने से मुनस्‍यारी-मिलम तक बन रहे सड़क का निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गया है। जबकि सीमांत क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक माइग्रेशन गांवों का मुनस्यारी मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पुल के टूटने से धापा, क्वीरीजिमिया, साईपोलो, लीलम, बुईपातों सहित मल्ला जोहार के मिलम, विल्जू, बूर्फू टोला पांछू, लास्पा, गनघर, खिलाच रिलकोट गांव का संपर्क टूट गया है।