कीड़ा जड़ी के दोहन को लेकर बुग्यालों में लगी धारा 144

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  • कीड़ा जड़ी को लेकर दो गांवों बुई और पाटो के बीच झगड़ा
  • जिला प्रशासन पिथौड़ागढ़ ने बुग्यालों में लगाई धारा 144

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून  : उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ जिले के दो गांदो गांवों बुई और पाटो के बीच कीड़ा जड़ी (Yarsagumba) के दोहन को लेकर जंग छिड़ गयी है। दोनों गांवों के लोग उनकी पुस्तैनी गर्मियों की छानी के लिए उपयोग में आने के लिए रालम और राजरम्भा  बुग्यालों में  पैदा होने वाली कीड़ा जड़ी पर अपना दावा जता रहे हैं जिससे दोनी ही गांवों के लोगों के बीच खटास पैदा हो गयी है।

गौरतलब हो कि गर्मी के शुरु होते ही उत्तराखंड के निचले स्थानों के यहाँ के स्थानीय भोटिया जन जाति के लोग पारम्परिक रूप से पर्वतीय इलाकों की तरफ अपने मवेशियों और परिवारों के साथ सदियों से जाते रहे हैं। गर्मियों के बाद शीत ऋतु शुरू होने से पहले ये लोग अपने पुराने घरों की तरफ कुछ इसी तरह लौट जाते हैं। यह सिलसिला बीते के सदियों से जारी है।  इस दौरान गर्मियों के छह महीने ये लोग इन्ही ऊंचाई वाले स्थानों पर जहाँ खेती तो करते ही हैं वहीं ये लोग वहां के बुग्यालों (घास के मखमली चरागाह)में परम्परागत जड़ी-बूटियों के दोहन के साथ ही विदेशों में यौन शक्ति वर्धक के रूप में उपयोग में आने वाली कीड़ा जड़ी (Yarsagumba) भी साथ में दोहन करते रहे हैं।  इस जड़ी की विदेशों में बहुत मांग ओने के कारण उत्तराखंड सहित नेपाल के हिमालयी इलाकों में इसका जमकर दोहन किया जाता रहता है।  

इसी  ‘कीड़ा जड़ी’ (Yarsagumba) या हिमालयन वायग्रा के दोहन को लेकर बीते कुछ वर्षों से पिथौरागढ़ के बुई और पाटो गांव के लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। पिथौरागढ़ के धारचुला और मुनस्यारी से लोग ऊंचाई पर बसे हिमालयी पहाड़ियों में  नाम से जाना जाता है। पिछले कुछ सालों से यहां के बुई और पाटो गांव के लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। आपसी झगड़ा इतना बढ़ गया है कि इलाके के डीएम को अब इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है। दोनों ही गांव के लोगों का कहना है कि यह बुग्याल का इलाका वन पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आता है और दूसरे किसी को इलाके से कीड़ा जड़ी (Yarsagumba)लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि दोनों गांवों में बढ़ते झगड़े को देखते हुए प्रशासन ने भी झगड़ा सुलझाने की अपील की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद मजबूरन प्रशासन को शांति बनाए रखने के लिए यहां धारा 144  लगानी पड़ी है। 

मुनस्यारी के एसडीएम आर. सी. गौतम ने ग्रामीणों के इस झगड़े पर कहा, ‘यह झगड़ा इतना बढ़ चुका है कि पिथौरागढ़ के डीएम को हस्तक्षेप कर ग्रामीणों से मिलना पड़ा था। लेकिन इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकला। इसकी वजह से यहां धारा 145 लगानी पड़ी, जिससे  किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो।’ 

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