ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्यावरण खतरे में : मोहन भागवत
संतों की संतत्व की शक्ति से भारत फिर से बनेगा विश्व गुरु
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
हरिद्वार : धर्म जागरण मंच द्वारा हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में आयोजित साधु स्वाध्याय संगम कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संतों के संतत्व से भारत एक बार फिर विश्वगुरु बनेगा उन्होंने कहा हमारे समाज में साधु समाज को अग्रणी माना ही नहीं गया है बल्कि वे समाज के मार्गदर्शक भी हैं ।
संघ प्रमुख मोहन भागवत हरिद्वार पतंजलि योग पीठ में धर्म जागरण मंच के राष्ट्रीय कार्यकर्म में बतौर मुख्य अतिथि अपना सम्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा साधु समाज ही देश को विश्व गुरु बनाने की ताकत रखता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने साथ ही धर्मांतरण पर चिंता भी जताई और समाज को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए काम करने पर बल दिया।
श्री मोहन भागवत ने कहा कि संत समाज में उस सम्मान के लिए अपने आप को अनुकूल बनाना और समाज को त्याग व समर्पण की भावना की प्रेरणा देना आज की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण में संतों की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आज पर्यावरण खतरे में है।
उन्होंने कहा साधु और संत सदियों से पर्यावरण की रक्षा करते आए हैं और हमें उनके मार्गदर्शन की जरूरत है। हम प्रकृति के पुजारी हैं। हमने प्रकृति को मां माना है, हमने तुलसी, वट वृक्ष और पीपल को पूजा है। हम संस्कृति को बचाने का काम करते हैं। जल को हम जीवन के रूप में देखते हैं। लिहाजा इन सबके संरक्षण की जरूरत है। उन्होंने गाय, गंगा और पेड़ पौधों को संरक्षित करने की आवश्यकता जताई।
डॉ. भागवत ने संघ के धर्म जागरण मंच की ओर से सनातन धर्म और हिंदू समाज के संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि धर्म जागरण मंच के प्रभारी गोविंद देव गिरी और उनकी टीम के कार्य सराहनीय है।
वहीं समापन सत्र में धर्म परिवर्तन के प्रकल्पों के बारे में देश के कई अंचलों से आये वक्ताओं ने अपने -अपने विचार रखे और कहा कि किसी कारणों से हमारे जो लोग दूसरे धर्म की ओर चले गए हैं, उन्हें वापस लाना है। इस दौरान मंच के प्रभारी गोविंद देव गिरि ने साधु स्वाध्याय संगम के एजेंडे की जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि धर्म जागरण मंच के इस कार्यक्रम में 1799 संत, 145 महिला संत और 34 प्रांतों से 21 मत पंथ संप्रदाय के संतों ने उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक एवं धर्म जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक शरद डोले, संघ के विभाग प्रचारक शरद भी मौजूद थे।