निवेश के लिए जरुरी यहां सुरक्षा भी और औद्योगिक वातावरण भी : राजनाथ

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  • ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड: इन्वेस्टर्स समिट’ का समापन समारोह
  • राजनाथ सिंह ने भी थपथपाई त्रिवेंद्र रावत और उनकी सरकार की पीठ 
  • न सिर्फ सुरक्षा बल्कि औद्योगिक विकास की सभी जरूरतें हैं वे सब हैं यहाँ 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : किसी भी प्रदेश का औद्योगिक वातावरण वहां की क़ानून व्यवस्था और उद्योगों को दी जा रही सुविधाओं पर आधारित होता है और यही राज्य के विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। वहीँ दूसरी तरफ यदि सुरक्षा नहीं है तो कौन उस राज्य में उद्योग लगाने को आएगा इस लिहाज़ से  सुरक्षा और औद्योगिक वातावरण के मामले में उत्तराखंड एक आदर्श राज्य है और निवेश के लिए इससे अच्छी स्थिति और क्या हो सकती है। यह बात केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड: इन्वेस्टर्स समिट’ के समापन समारोह के दौरान अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि न सिर्फ सुरक्षा बल्कि औद्योगिक विकास के लिए जो भी जरूरतें हैं, वह यह राज्य पूरा करता है। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वे इस औद्योगिक वातावरण का लाभ उठाकर देवभूमि को प्रगति के पथ पर अग्रसर करें। उन्होंने समिट के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी सरकार की पीठ भी थपथपाई।

रायपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित समिट के समापन पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर निवेशक सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा कि जिस तरह क्रिकेटर पृथ्वी शॉ ने टेस्ट मैच में शानदार शुरुआत की, ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री ने भी की है। जब आगाज अच्छा है तो अंजाम भी अच्छा होगा।

उन्होंने कहा कि आर्थिकी किसी भी राज्य की रीढ़ होती है। यह ठीक रहे, इसके लिए अधिकाधिक निवेश जरूरी है। उत्तराखंड में प्राकृतिक और मानव संसाधन की कमी नहीं है, मगर गुजरे वर्षों में इन दोनों के मध्य साझेदारी में कहीं कमी रह गई थी। अब यह राज्य आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे पलायन तो रुकेगा ही, प्रवासी भी वापस लौटेंगे।

गृहमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने 12 सेक्टर पर फोकस किया है। इनमें पर्यटन, हेल्थ एंड वेलनेस, आयुष, एरोमैटिक में अधिक संभावनाएं हैं, जिनका दुनिया लाभ उठा सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वैसे भी देवभूमि है और यहां आध्यात्मिक अनुभूति होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे स्प्रिचुअल इको जोन ठीक ही कहा है। यहां के लोग भी बड़े मन के हैं और मन का बड़ा होना ही अध्यात्म है।

वैश्विक परिदृश्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आज भारत दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली अर्थव्यवस्था है। यदि हम ऐसे ही आगे बढ़ते रहे तो 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक ताकत बन जाएगा। उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत कम होने का जिक्र भी किया और कहा कि इसके बावजूद देश में इन्वेस्टर्स के भरोसे में कोई कमी नहीं आई है।

औद्योगिक इकाइयों को गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लीयरेंस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि यह दो माह मेंं मिल जाए। इस साल तो यह 53 दिन में ही मिल रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समिट और इसकी उपलब्धियों का खाका खींचा।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि पूजी निवेश के लिए ऐसा वातावरण कहीं और नहीं मिल सकता। बीएचईएल के सीएमडी अतुल सोबती, उद्योगपति सचित जैन, सुनील वाच्छानी, प्रियूज खंबाटा, एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ.असीम चौहान ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी आदि भी मौजूद थे।