दारोग़ा और इंस्पेक्टर वेतमान कटौती मामलें में सरकार का रोलबैक !

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दारोग़ा और इंस्पेक्टर वेतमान कटौती मामला 

बुलाई बैठक का आक्रोश देखते हुए विषय ही डाल डाला 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड में दारोग़ा और इंस्पेक्टर के वेतमान कटौती मामलें को लेकर सरकार ने  रोलबैक, करते हुए अपने 22 जुलाई को होने वाली बैठक को ही गलत करार दे दिया है जबकि इस बैठक की सूचना अपर मुख्यसचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी से लेकर सूबे के मुख्यसचिव और अन्य सम्बंधित अधिकारियों को भेजी जा चुकी थी।  चर्चा है कि ग्रेड पे डाउन करने मामलें में पुलिसकर्मियों के बढ़ते अंदरूनी आक्रोश पनपने के बाद रातों रात यह आदेश बदल ही नहीं दिया गया बल्कि इसे गलत तक करार दिया गया । जबकि इस पत्र में कहीं भी प्रोमोशन की बात नहीं लिखी गयी है। >>

गौरतलब हो कि  बीते कुछ दिनों से राज्य पुलिस में तैनात दरोगाओं और इंस्पेक्टरों के वेतनमान को लेकर राज्य के गृह विभाग कसरत करने पर जुटा हुआ था जिसके तहत दारोगाओं के वेतनमान को 4600 सौ से 4200 तथा इंस्पेक्टरों के वेतनमान 4800 से 4600 करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया था। इस संबंध में गृह विभाग के उप सचिव विजय कुमार की तरफ से मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, कार्मिक, सचिव न्याय, वित्त, पुलिस महानिदेशक को 22 जुलाई को सचिवालय में प्रस्तावित मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता वाली बैठक में बुलाया गया था जिसका पत्रांक 682 /XX – 7/ 2019 -01(73)2010 जारी भी कर दिया गया है । पत्र में कहा गया  है कि बैठक में ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।

इसके बाद अब पुलिस में तैनात दरोगाओं और इंस्पेक्टरों में पनपते आक्रोश को देखते हुए शनिवार को उत्तराखंड गृह सचिव का बयान की 22 जुलाई को वेतनमान कटौती वाली बैठक गलत आदेश बताया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता  में बैठक का हवाला तो दिया जा रहा है लेकिन अब वेतनमान के विषय को बदलकर दारोग़ा और इंस्पेक्टरों के प्रमोशन मामलें को लेकर बैठक होने को बात की जा रही है ।

गौरतलब हो कि उत्तराखंड पुलिस में तैनात दारोगा और इंस्पेक्टरों के  प्रमोशन प्रक्रिया व वरिष्ठताऔर परफॉर्मेंस वाले मामले लंबे समय से गृहमंत्रालय में  फंसा हुआ है।

वहीं अब पुलिस अधिकारी मामले में लीपापोती करते हुए नज़र आ रहे हैं इस मामले में पुलिस मुख्यालय से महानिदेशक अशोक कुमार ने गृह सचिव के हवाले से कहा गया है कि वेतनमान कटौती वाली ख़बर गलत हैं, बल्कि प्रमोशन मामलें में बैठक होनी हैं।