ऋषिकेश सीट पर विधायक प्रेम अग्रवाल के खिलाफ फूटे बगावत के सुर

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स्थानीय व्यक्ति को टिकट देने की मांग ने पकड़ा जोर 

भाजपा में संदीप गुप्ता की दावेदारी से भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह

देहरादून । प्रदेश भर में चलाई गयी सत्ता परिवर्तन यात्रा के इतर खुद भाजपा में कई विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों के टिकट परिवर्तन की मांग चल रही है। ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल के खिलाफ भी भाजपा में बगावत के सुर फूटने लगे है। खिलाफत करने वाले भाजपाईयों का आरोप है कि विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल बाहरी है। यदि इस बार ऋषिकेश सीट पर यदि किसी स्थानीय को टिकट नही दिया वे पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फंूक देंगे। विधायक की खिलाफत करने वाले इस बार ऋषिकेश सीट पर वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व दर्जाधारी संदीप गुप्ता को टिकट देने की मांग कर रहे है।

वर्ष 2012 के चुनाव में कांगे्रस में हुई बगावत का फायदा उठाकर प्रेम चन्द्र अग्रवाल दोबारा ऋषिकेश विधायक की सीट पर काबिज हुए थे। 2012 में कांग्रेस ने ऋषिकेश सीट पर राजपाल खरोला को टिकट दिया था। जिससे आक्रोशित होकर इस सीट पर टिकट के अन्य दावेदार नगर पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा ने बगावत कर चुनाव मैदान मंे कूद पड़े थे। जिसका फायदा ऋषिकेश सीट पर भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़े प्रेमचन्द्र अग्रवाल को मिला था। किन्तु इस बार चुनाव में खुद ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल के सितारे गर्दिश में नजर आ रहे है।

ऋषिकेश भाजपा में स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग काफी जोर पकड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल डोईवाला विधानसभा से तालूक रखते है। इसलिए ऋषिकेश के भाजपाईयों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि वरिष्ठ भाजपाई संदीप गुप्ता की ऋषिकेश में एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में पहचान है। कर्मठ एंव बेदाग छवि का होने के कारण ऋषिकेश विधानसभा के अधिकांश भाजपाई संदीप गुप्ता के पक्ष में है।

भाजपा के स्थानीय सू़त्रों का कहना है कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के भाजपाई इस सीट पर किसी स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग लगातार करते आ रहे है। किन्तु पार्टी आलाकमान के सामने हमेशा ही उनकी मांगों की अनदेखी होती रही है। भाजपाई सूत्रों का कहना है कि इस बार अगर ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय भाजपाई नेता संदीप गुप्ता को टिकट नही दिया तो भाजपा में विरोध स्वरूप भीतरघात होने की संभावनाएं प्रबल हों जाएगी। क्योंकि खुद ऋषिकेश की जनता बाहरी पैराशूट प्रत्याशियों को और हजम करने को तैयार नही है।