देवीधुरा के मां वाराही मंदिर में रक्षाबंधन पर्व पर चार मिनट खेली गयी बग्वाल, दो वीर घायल

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सांकेतिक बगवाल में केवल 45 लोगों को ही मंदिर परिसर में थी प्रवेश की अनुमति 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देवीधुरा (चंपावत) :  मां वाराही धाम मंदिर में चार मिनट तक बग्वाल खेली गई। हालांकि प्रशासन और मंदिर कमेटी के बीच हुई बैठक में बग्वाल नहीं खेलने पर सहमती बनी थी। लेकिन सोमवार पूर्वान्ह 11.25 बजे शुरू हुई बग्वाल 11.29 तक चली। इस दौरान दो बग्वाली वीर घायल हो गए।
रक्षाबंधन पर देवीधुरा के बग्वाल मेले में सोमवार को सुबह से धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। डोला पूजन के बाद चारों खामों ने परिक्रमा शुरू की। सबसे पहले चम्याल खाम के मुखिया गंगा सिंह चम्याल के नेतृत्व में बग्वाली वीरों ने मंदिर की परिक्रमा की।
इसके बाद गहरवाल खाम के मुखिया त्रिलोक सिंह, वालिक खाम के मुखिया बद्री सिंह के नेतृत्व में वीरों ने मंदिर की परिक्रमा की। सबसे अंत में लमगड़िया खाम के वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में वीरों ने परिक्रमा की।
इसके बाद ऐतिहासिक खोलीखाड़ दुर्वाचौड़ मैदान में लमगड़िया व वालिक खाम एक तरफ और गहरवाल व चम्याल खाम के योद्धा दूसरी तरफ से आमने सामने डट गए।
पूर्वान्ह 11.25 में बग्वाल शुरू हुई। बग्वाली वीरों ने एक दूसरे पर नाशपाती और अन्य फल फेंकने शुरू किए। 11.29 बजे मंदिर के पुरोहित धर्मानंद पुजारी ने चंवर झुलाते हुए खोलीखाड़ दुर्वाचौड़ मैदान में प्रवेश कर बग्वाल खत्म करने की घोषणा की।
बग्वाल के बाद सभी बग्वाली वीरों ने एक दूसरे के गले मिल कर हाल चाल जाना। बग्वाल के दौरान त्रिलोक सिंह और नर राम मामूली रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों का मंदिर परिसर में प्राथमिक उपचार किया गया।