NEW DELHI : जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण बृहस्पतिवार को उच्च सदन के उपसभापति पद के लिए चुना गया। उन्हें विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बी. के. हरिप्रसाद को मिले 105 मतों के मुकाबले 125 मत मिले। सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद उपसभापति पद की चुनाव प्रक्रिया शुरु करवायी। हरिवंश के पक्ष में 125 और हरिप्रसाद के पक्ष में 105 मत पड़े। मतदान में दो सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया। सदन में कुल 232 सदस्य मौजूद थे।
हरिवंश के पक्ष में जदयू के आर सी पी सिंह, भाजपा के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव पेश किया। वहीं हरिप्रसाद के लिये बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद की मीसा भारती, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता, सपा के रामगोपाल यादव और राकांपा की वंदना चव्हाण ने प्रस्ताव पेश किया।
इन प्रस्तावों पर मतविभाजन के बाद सभापति नायडू ने हरिवंश को उपसभापति निर्वाचित घोषित किया। विजयी घोषित होते ही हरिप्रसाद ने हरिवंश को उनके स्थान पर जाकर बधाई दी। नेता सदन अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने हरिवंश को बधाई देते हुये उन्हें उपसभापति के निर्धारित स्थान पर बिठाया।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिवंश को शुभकामनायें देते हुये उनके विभिन्न क्षेत्रों के अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन को सदन के लिये गौरव का विषय बताया। पीएम मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि हरिवंश जी कलम के धनी हैं और वह पूर्व पीएम चंद्रशेखर के चहेते भी रहे हैं।
पीएम मोदी ने हरिवंश नारायण को बधाई देते हुए सदन में कहा, वह कलम के धनी हैं। पीएम मोदी ने हरिवंश के सफर को भी सदन में बताया उन्होंने कहा कि वह पूर्व पीएम चंद्रशेखर के भी चहेते थे। पीएम ने कहा, चंद्रशेखर के साथ करीबी से काम करते हुए हरिवंश जी पहले से ही जानते थे कि प्रधानमंत्री पद से चंद्रशेखर जी इस्तीफा होने वाला है। लेकिन उन्होंने अपनी राजनीति और पत्रकारिता को बिलकुल अलग रखा और अपने अखबार के कर्मचारियों को इस बात की खबर भी लगने नहीं दी कि वह कब इस्तीफा देंगे। यह उनकी नैतिकता और सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाता है।
राजनीति के जानकार मान रहे थे कि हरिवंश नारायण ही जीतेंगे। वोटिंग से पहले दोनों ही उम्मीदवारों ने अपनी जीत का दावा किया था। वहीं बीजू जनता दल ने हरिवंश सिंह को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया था तभी साफ हो गया था कि अब हरिवंश को ही उपसभापति की गद्दी मिलेगी। और यही एक वजह थी जब मोदी सरकार का पलड़ा भारी हो गया था। हालांकि कांग्रेस के उम्मीदवार ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा था, विपक्ष एकजुट है और हमारे पास पर्याप्त आंकड़े मौजूद हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सदस्य पी जे कुरियन के पिछले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद उपसभापति का पद खाली हुआ था।