पिथौरागढ़ के जोहार और रुद्रप्रयाग में बारिश ने मचाई तबाही

0
1126

तल्ला जोहार में हरड़िया नाले से आए मलबे ने रोका रामगंगा नदी का प्रवाह 

 रामगंगा का प्रवाह मलबे ने रोका, झील बनने से मचा हड़कंप

रुद्रप्रयाग जिले में तेज तूफान और बारिश ने जिले में मचाया तांडव

देहरादून : पिथौरागढ़  जनपद में चार दिनों से थमी वर्षा ने सोमवार को कहर बरपाया। सवा घंटे की जोरदार बारिश में जनजीवन थम गया। मुनस्यारी के तल्ला जोहार में हरड़िया नाले से आए मलबे ने सदावाहिनी रामगंगा नदी का प्रवाह थाम दिया। नदी में विशाल झील बन गई। इससे तटवर्ती लोगों में हड़कंप मच गया। शुक्र रहा कि कुछ ही देर बाद नदी का प्रवाह खुल गया वरना बड़ी तबाही की आशंका बन गई थी।

पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय पर आधा दर्जन से अधिक पेड़ उखड़ गए। जिनकी चपेट में आने से एक मकान, एंबुलेंस सहित पांच वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। आसमान आधे घंटे तक और बरसता तो पिथौरागढ़ नगर में ही भारी तबाही हो जाती। आधा दर्जन स्थानों वृक्ष गिरने से नगर की सड़कों पर यातायात बंद हो गया है।

वहीँ रुद्रप्रयाग जिले में भी भरी बारिश ने तबाही मचाई है वहां कई बिजली के खम्बे और पेड़ टूटकर सड़क पर आ गए जिससे यातायात प्रभावित हो गया।

जिले में तेज आंधी और बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। अचानक दोपहर बाद आई तेज आंधी और बारिश के चलते काश्तकारों को काफी क्षति पहुंची है। तेज आंधी के चलते जहां लोगों के आवासीय भवनों की टिन शैड की छत उड़ गई, वहीं राजमार्ग पर जगह-जगह पेड़ गिरने से लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी। इसके साथ ही तेज तूफान ने कारण बिजली के पोल भी टूट गये हैं, जिससे विद्युत व्यवस्था भी ठप पड़ गई है।

सोमवार को दोपहर बाद अचानक से मौसम ने करवट बदल दिया, जिसके बाद तेज आंधी-तूफान चलने लगा। आंधी-तूफान के बाद मोटी बारिश भी शुरू हो गई और लोगों के जेहन में वर्श 2013 की याद ताजा हो गई है। ऐसे में लोगों अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गये। तेज आंधी-तूफान के कारण रुद्रप्रयाग कोतवाली और आर्मी कैंट की टिन शैड की छत उड़ गई, जबकि राश्ट्रीय राजमार्ग के जगह-जगह पेड़ गिर गये। इसके साथ ही पुनाड़ निवासी सच्चिदानंद सेमवाल की छत में पेड़ गिरने भारी नुकसान पहुंचा है। जिस कारण यात्रियों को घंटों जाम की समस्या से जूझना पड़ा। वहीं तेज तूफान के चलते बिजली के कईं पोल धराशाई हो गये हैं, जिस कारण जिले में बिजली भी गुल हो गई है। लोगों को अंधेरे में अब रात काटनी पड़ रही

पिथौरागढ़-झूलाघाट मार्ग पर पेड़ गिरने से यातायात को बंद हो गया है। भाटकोट रोड, चिमिस्यानौला, पुराना बाजार आदि क्षेत्रों में नालियों का पानी सड़कों पर आ गया। नगर की सड़कें पानी से लबालब भर गईं। डॉट पुल के पास जलभराव हो गया। जिस कारण यहां पर वाहन फंसे रहे। अफसर कालोनी को जाने वाले भाटकोट रोड में नाला बन गया। रई में एक मकान पर पेड़ गिर गया। रई नाला ऊफान पर आने से नाला किनारे के मकानों में रहने वाले लोगों ने मकान छोड़ दिया।

नाचनी बाजार में सभी मकानों और गोदामों में मलबा घुस गया है। नाचनी से एक किमी दूर सिमगड़ा गांव में तबाही मच गई। कई मकान मलबे और पानी से भर गए। परिवारों ने घरों से बाहर दौड़ लगा दी। थल-मुनस्यारी मार्ग में जगह-जगह मलबा आ गया है। बारिश और अंधंड़ से किसी तरह की जन और पशु हानि की कोई सूचना नहीं है। भारी मलबा आने से नाचनी-बांसबगड़ और लोध मार्ग बंद हो गए हैं। मार्ग बंद होने से एक दर्जन से अधिक वाहन फंसे हैं। लोग पैदल अपने गांवों को जा रहे हैं।