इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों ने हाईकोर्ट दिल्ली का दरवाजा खटखटाया, जहां चार साल सुनवाई चली। हाईकोर्ट ने 2018 में अपने फैसले में सात पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए निचली अदालत की सुनाई सजा को बरकरार रखा था जबकि 11 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था।
इस फैसले को लेकर सात पुलिसकर्मियों (एसके जायसवाल, नितिन चौहान, राजेश, चंद्रमोहन रावत, जीडी भट्ट, नीरज यादव व अजीत सिंह) ने देश की सर्वोच्च अदालत में अपील की, जिसे बुधवार को स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका स्वीकार होने को इन पुलिसकर्मियों के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है।