भरत चौधरी का राजनीतिक वनवास हुआ खत्म

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पैराशूट प्रत्याशियों के चुनाव जीतने से जनता में था भारी आक्रोश

आपसी प्रेमभाव बढ़ाने का माध्यम है होली : चौधरी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग सीट से विधायक चुने गए भरत सिंह चौधरी की जीत कई मायनों में खास है। इस जीत के साथ ही उनका राजनीतिक वनवास खत्म हो गया है। भले ही उनकी अभूतपूर्व जीत के पीछे कई कारण रहे हों, लेकिन भाजपा में अंदर खाने उनके खिलाफ एक लॉबी भी काम करती रही, जो भरत चौधरी के रास्ते में कांटे बिछाने का काम कर रहे थे।

रुद्रप्रयाग सीट से रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर इतिहास रच चुके भरत चौधरी के लिए यह चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अहम था। पिछले पांच चुनावों की तरह वह इस बार किसी भी सूरत में इतिहास नहीं दोहराना चाहते थे। इस बार भी चूक होती तो उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाता। अब चुनाव जीतकर उन्होंने अपनी राजनीतिक जमीन हासिल कर दी है। इस पर वह कैसे बीज बोते हैं, यह उनका राजनीतिक कौशल तय करेगा।

वहीं   चौधरी की ऐतिहासिक जीत पर कुछ लोग इसे मोदी फैक्टर करार दे रहे हैं, लेकिन रुद्रप्रयाग से सटी केदारनाथ सीट पर भाजपा के चौथे नंबर पर रहने से मोदी फैक्टर की बात गले नहीं उतर रही। हालांकि यह बात सही है कि मोदी के नाम पर भी लोगों ने वोट दिया है, मगर भाजपा प्रत्याशी भरत चौधरी के रिकार्ड मतों से चुनाव जीतने के कई कारण थे। मतदान के बाद से ही उनके दस हजार से अधिक मतों से जीतने का आंकलन किया जा रहा था।

कारण यह था कि वह लगातार जनता के बीच बने हुए थे और उनके लिए संघर्ष कर रहे थे। लगातार पांच बार चुनाव हारने के बाद जनता में उनके प्रति सहानुभूति थी। भाजपा संगठन से इतर चौधरी टीम ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई। हर बार पैराशूट प्रत्याशियों के चुनाव जीतने से जनता में भारी आक्रोश पनप रहा था। वह इस बार रुद्रप्रयाग के व्यक्ति को विधायक देखना चाहती थी। हालांकि इस बार सभी उम्मीदवार रुद्रप्रयाग के ही थी, लेकिन जनता ने सबसे अधिक काबिलियत रखने वाले व्यक्ति का चुनाव किया। यह ऐसे कारण रहे, जिससे श्री चौधरी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी।

रुद्रप्रयाग सीट से भरत चौधरी को टिकट दिए जाने के बाद से भाजपा में उनका विरोधी धड़ा नाराज हो गया था। यही वजह रही कि पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी और भाजपा जिलाध्यक्ष ड आनंद बोरा ने भाजपा छोड़ दी और दोनों नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। रुद्रप्रयाग में भाजपा के बड़े नेता भी अंदर खाने प्रत्याशी के खिलाफ काम करते रहे। पूरे चुनाव केंपेन में बड़े नेता कहीं नजर नहीं आए। इसके साथ ही रुद्रप्रयाग सीट पर एक भी स्टार प्रचारक चुनाव केंपेन के लिए नहीं आया। इसके बावजूद श्री चौधरी बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब हुए। अब उनके सामने जनता से किए वायदों को पूरा करने की चुनौती है। साथ ही संगठन से तालमेल बिठाकर चलना होगा।

वहीँ  नगर क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने होली मिलन समारोह बड़े उल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर संघ के प्रचारक गौरव ने उपस्थित जन समूह का स्वागत और अभिनंदन किया। समारोह में पहुंचे रुद्रप्रयाग विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि होली कार्यक्रम भाई-चारे और आपसी प्रेमभाव बढ़ाने का माध्यम है। कहा कि यह त्यौहार असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है। आपसी रागद्वेष को भुलाने का संदेश होती है। भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कप्रवाण ने कहा कि होली का पर्व विविधता में एकता की भारतीय संस्कृति का उत्सव है।

यह पर्व पारस्परिक सहयोग एवं सद्भावना का भाव जागृत करता है। जिला सह सम्पर्क प्रमुख चन्द्रशेखर पुरोहित ने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्योहारों का बड़ा महत्व है। यह पर्व समाज को जोडऩे का काम करता है। रूठों को मनाने की प्रेरणा देता है। जिला प्रचार प्रमुख मनोज कुकरेती ने कहा कि होली रंगों का पर्व है। जीवन को इन्द्रधनुष रंगों में पिराने का पर्व है। जिला शारीरिक प्रमुख भीमराज बिष्ट ने कहा कि यह पर्व समाज में एक नई ऊर्जा का संचरण कराता है। इस मौके पर नगर कार्यवाह मनमोहन शुक्ला, सह नगर कार्यवाह कालिका प्रसाद, अजय कप्रवाण, अरूण वाजपेई, सुनील नौटियाल, जसपाल भारती सहित कर्इं मौजूद थे।