पुलिस अफसर पूर्व पेशगार की जांच विजिलेंस को सौंपने को तैयार!

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देहरादून। उधमसिंहनगर में एनएच-74 घोटाले की फाइलें चोरी व गवन करने वाले पूर्व पेशगार को उधमसिंहनगर पुलिस ने सलाकों के पीछे तो पहुंचा दिया लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्होंने भ्रष्ट पूर्व पेशगार के बैंक खातों व लॉकरों को खंगालने के लिए कोई कदम आगे नहीं बढाया इसके पीछे यही बात उठ रही है कि शायद पुलिस इस मामले से अपने हाथ पीछे खींचकर जांच को विजिलेंस को सौंपने का खाका बना चुकी है?

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या भ्रष्ट विकास को बेनकाब करने के लिए विजिलेंस आगे आयेगी? पूर्व पेशगार ने जिस तरह से अकूत खजाना भ्रष्टाचार से भरा है उससे सवाल उठ रहे हैं कि विकास व उसके परिवार के पास मौजूद सम्पत्तियों को क्या विजिलेंस बेनामी सम्पत्ति व भ्रष्टाचार से कमाई गई सम्पत्ति में दिखाकर उसे सरकार में निहित करने के लिए आगे आएगी? अगर विजिलेंस ने भ्रष्टाचार की इस छोटी मछली को बेनकाब करने के लिए अपने कदम आगे बढाये तो यह भी तय है कि राज्य में बडे-बडे भ्रष्टाचार करने वाले कुछ अफसरों की नींद भी उड जायेगी।

उल्लेखनीय है कि एनएच-74 घोटाले से जुडी सैकडों फाइलें जसपुर के पूर्व पेशगार विकास ने चोरी व गबन कर ली थी जिसका मुकदमा जसपुर कोतवाली में दर्ज कराया गया था। पुलिस ने मामले की जांच-पडताल करते हुए पूर्व पेशगार को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से चोरी की गई एनएच-74 घोटाले से जुडी सैकडों फाइलें बरामद कर ली थी तथा उसके पास से काफी संख्या में नकदी, जेवरात व करोडो रूपये की जमीनों के दस्तावेज बरामद किये थे।

गौरतलब हो कि बीते दिन पुलिस ने NH 74 घोटाले मामले में SDM के पूर्व रीडर विकास को ग्रिफ्तार किया एसएसपी सदानंद दाते के निर्देश पर CO राजेश भट्ट और कोतवाल अबुल कलाम के नेतृत्व में पुलिस ने विकास के घर पर छापा मारकर उसे हिरासत में लिया ग्रिफ्तारी के बाद ली घर की तलाशी तलाशी में NH74 घोटाले से जुड़ी 200 से अधिक फाइल्स मिली, संभवतः NH 74 से जुड़ी सभी गायब फाइल्स मिली तलाशी में NH74 घोटाले से जुड़ी बाजपुर, जसपुर ओर काशीपुर तहसील की फाइल्स मिली तलाशी में करोड़ों की संपत्ति, लाखों के बांड्स, लगभग 1kg के सोने के जेवरात भी मिले प्रथम दृष्टया आय से अधिक संपत्ति का मामला दिखता है सूत्रों की माने तो उसके कब्जे से एक डायरी भी मिली है जिसमें कई सफेदपोशों के नाम लिखे हैं। 

यह मामला हाई-प्रोफाइल होने के कारण पुलिस इस मामले की जांच खुद न करके उसे विजिलेंस को सौंपने के लिए खाका तैयार कर चुकी है और चर्चा है कि पुलिस ने साफ माना है कि यह जांच इतनी बडी है कि उसके खुलासे के लिए जांच को विजिलेंस को सौंपा जाना जरूरी है। चर्चा है कि उधमसिंहनगर के पुलिस अफसर जल्द इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने के लिए पत्र भी लिख सकते हैं?

विकास की गिरफ्तारी हुए 48 घंटे का समय हो गया लेकिन अभी तक पुलिस ने ना तो विकास के बैंक खाते व लॉकरों को खंगालने के लिए अपने कदम आगे बढाये और ना ही उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खातों व लॉकरों को खंगालने के लिए पुलिस आगे आई है। विश्वस्तसूत्रों से जानकारी मिली है कि पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने के लिए आगे आ गई है और अगर विजिलेंस को यह जांच जल्द मिलती है तो उसका सबसे पहला टास्क भ्रष्ट विकास की सम्पत्तियों व अकूत खजाने को खंगालने के साथ-साथ बैंक खातों व लॉकरों को खंगालने का रहेगा।

हैरानी वाली बात तो यह है कि उत्तराखण्ड सरकार जो जरा-जरा से मामलों की जांच विजिलेंस से कराने का दम भर लेती है वह पूर्व पेशगार की करोडो रूपये के समराज्य को बेनकाब करने के लिए अब तक विजिलेंस को जांच देने का हुक्म क्यों नहीं दे पाई यह उसकी मंशा पर भी बडे सवाल खडे कर रहा है।