कोटद्वार में कुछ मेडिकल स्टोर मालिकों द्वारा जनता के स्वास्थ्य से किया जा रहा है खिलवाड़

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मेडिकल स्टोर का लाइसेंस तो डिप्लोमा धारक के नाम पर ले रखा है, लेकिन चला कोई और रहा

कोटद्वार ( शिवाली ) : स्वास्थ्य विभाग की घोर के निष्क्रियता के चलते कोटद्वार में कुछ मेडिकल स्टोर मालिकों द्वारा जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। चर्चा है कि कुछ मेडिकल स्टोर मालिकों द्वारा नकली और घटिया मेडिसिन ग्राहकों को बेची जा रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि नियमानुसार मेडिकल स्टोर खोलने के लिए फार्मेसिस्ट का डिप्लोमा होना जरूरी है, लेकिन कोटद्वार में कुछ मेडिकल स्टोर ऐसे हैं जिन्होंने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस तो डिप्लोमा धारक के नाम पर ले रखा है, लेकिन चला कोई और रहा है। अथवा डिप्लोमा धारक को अपने यहां नौकर रखा हुआ है। जबकि, कागजों में वह मालिक है।
मजेदार बात यह है कि चिकित्सक जिस कंपनी की दवाइयां मरीजों को लिखता है मेडिकल स्टोर वाले उस कंपनी की दवाई न देकर अन्य कंपनी की दवाई मरीज को थमा देते हैं क्योंकि नाम में सिर्फ अंग्रेजी अक्षर (शब्द) का मामूली अंतर होता है, लेकिन कंपनी अलग होती है। यही नहीं,यहां जितने भी मेडिकल स्टोर हैं वह एमआरपी के अनुसार ग्राहकों से पैसे वसूलते हैं, जबकि नियमानुसार एमआरपी में बीस से तीस प्रतिशत तक की छूट ग्राहकों को दी जानी चाहिए। जैसा कि अन्य शहरों में है।
वहीं कुछ मेडिकल स्टोर मालिक तो प्रतिबंधित दवाइयां जो कि बिना चिकित्सक की सलाह नहीं दी जानी चाहिए खुलेआम बेच रहे हैं। पिछले दिनों ही हरिद्वार जिले के रुड़की की तरफ एक विधायक के भाई का नकली दवाइयों का मामला भी उजागर हो चुका है।
बताते हैं कि विधायक के भाई के यहां जो नकली दवाइयां बनाई जाती थी उसकी सप्लाई कोटद्वार में भी कुछ मेडिकल स्टोरों में की जाती थी । यह भी दुर्भाग्य की ही बात है कि स्वास्थ्य विभाग कभी-कभार झोलाछाप डाक्टरों की दुकानों पर तो छापेमारी करता है, लेकिन वह कभी-भी मेडिकल स्टोर की दुकानों का निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाता। आखिर किसकी शह पर मेडिकल स्टोर मालिक मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं?