मुख्यमंत्री ने दिए पिथौरागढ़ में राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाने के निर्देश

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पिथौरागढ़ में दैवी आपदा के कारण हुई जनहानि पर मुख्यमंत्री ने किया शोक व्यक्त

जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही न बरती जाए

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद पिथौरागढ की तहसील बंगापानी के अंतर्गत कई गांवों में भारी वर्षा, भूस्खलन एवं भू कटाव से हुई जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही न बरती जाए।
इस घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए प्रभावित क्षेत्र में तुरंत एसडीआरएफ की एक टीम और भेजे जाने के निर्देश दिए। प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ ही  साथ ही जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। जो लोग अभी तक लापता हैं, उनकी खोज के लिए तत्काल युद्ध स्तर पर खोज अभियान शुरू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की दृष्टि से राज्य के लिये यह समय हर वक्त सतर्क रहने का है। सभी जिलाधिकारी इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता के साथ हर समय सचेत रहें। जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्य अविलम्ब आरम्भ हो जाए, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों हेतु त्वरित सहायता आदि के लिये जिलाधिकारियों को धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। आपदा पीड़ितों की हरसंभव मदद के लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सतर्कता के साथ ही हम आपदा के नुकसान को कम कर सकते हैं।
उन्होंने जिलाधिकारियों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी आम जानता को नियमित रूप से अवगत कराने तथा संवेदनशील स्थलों, गांवों एवं भवनों आदि की स्थिति का आकलन भी नियमित रूप से किये जाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल आयुक्तों को भी इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सजगता के साथ त्वरित कार्यवाही करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं आई.जी. एसडीआरएफ को भी निरन्तर जिलाधिकारियों के सम्पर्क में रहने तथा उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान के भी निर्देश दिये हैं।